बिहार में पहले फेज की वोटिंग से छह दिन पहले भाजपा ने अपना घोषणापत्र जारी कर दिया। 12 पेज के मेनिफेस्टो का आखिरी पन्ना रोजगार के वादों के नाम था। नीतीश कुमार 10 लाख सरकारी नौकरियों का वादा कर चुके राजद नेता तेजस्वी पर तंज कसते रहे, लेकिन अब उनकी ही सहयोगी भाजपा ने ही दोबारा सत्ता में आने पर 19 लाख रोजगार देने की बात कही है। वहीं, 1 करोड़ महिलाओं को ‘स्वावलंबी’ बनाने का वादा किया है। यह भी कहा है कि बिहार के लोगों को कोरोना की फ्री वैक्सीन दी जाएगी।
19 लाख जुमला क्यों और 4 लाख नौकरियों की बात कैसे?
भाजपा ने घोषणापत्र में 19 लाख रोजगार की जो संभावना दिखाई है, उसमें से सीधे तौर पर नौकरियां सिर्फ चार लाख हैं। वह किस तरह है, यह भी बताते हैं।
- भाजपा कह रही है कि सत्ता में आने पर वह अगले एक साल में स्कूल, यूनिवर्सिटी और बाकी इंस्टिट्यूट में 3 लाख नए टीचर्स को अपॉइंट करेगी। इनमें से स्कूलों में पौने तीन लाख वैकेंसी है, जबकि 94 हजार पदों पर भर्ती की प्रक्रिया तीन साल से चल रही है।
- एक और वादा यह है कि 10 हजार डॉक्टर, 50 हजार पैरा मेडिकल स्टाफ समेत 1 लाख लोगों को स्वास्थ्य विभाग में नौकरी मिलेगी।
- इस तरह 3 लाख और 1 लाख मिलाकर सीधे तौर पर 4 लाख सरकारी नौकरियों की संभावना बनती है।
- भाजपा के 19 लाख रोजगार के वादे में 4 लाख सरकारी नौकरियों के अलावा बिहार को आईटी हब बनाकर अगले 5 साल में 5 लाख रोजगार के ‘अवसर उपलब्ध कराने’ और खेती-किसानी और औषधीय पौधों की सप्लाई चेन बनाकर 10 लाख रोजगार के ‘अवसर सृजित करने’ का वादा है।
- इसके अलावा भाजपा ने 50 हजार करोड़ रुपए के माइक्रो फाइनेंस के जरिए 1 करोड़ नई महिलाओं को ‘स्वावलंबी’ बनाने का वादा किया है।
तेजस्वी यादव ने नौकरियों देने का वादा किया है
तेजस्वी यादव ने यह वादा किया है कि जब उनकी सरकार बन जाएगी तो वह कैबिनेट की पहली बैठक में जिस फैसले पर साइन करेंगे, वह 10 लाख युवाओं को पक्की सरकारी नौकरी देने का होगा।
तेजस्वी के वादे पर नीतीश तंज कसते रहे
तेजस्वी के इस बयान पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि बड़ी हास्यास्पद बात है… राजद 10 लाख नौकरी देगा। बीते सोमवार गया के शेरघाटी विधानसभा क्षेत्र में चुनावी सभा के दौरान भी नीतीश ने कहा- “ऊ कहते हैं 10 लाख नौकरियां देंगे। अरे, पैसवा एतना कहां से आवेगा? ई सब संभव है क्या? बताइए कहीं ऐसा न हो नौकरियां देने के नाम पर अपने ही धंधा न शुरू कर दें। 15 साल में कितना नौकरी दे दिए, ये सब जानते हैं।’
भाजपा का एक लक्ष्य, 5 सूत्र और 11 संकल्प
भाजपा ने ‘आत्मनिर्भर बिहार का रोडमैप’ में एक लक्ष्य, 5 सूत्र और 11 संकल्पों का जिक्र किया है। लालू-राबड़ी के 15 साल के बाद और नीतीश के 15 साल के बाद बिहार के 11 अलग-अलग सेक्टर में आए बदलाव की भी तुलना की गई है। घोषणापत्र जारी करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि लालू-राबड़ी के 15 साल के औद्योगिक उत्पादन का कोई डेटा नहीं मिला, इसलिए हमने इस घोषणापत्र में वो जगह खाली छोड़ दी। हमारे 15 साल के शासन में औद्योगिक विकास में 17% का इजाफा हुआ।
एक लक्ष्य: आत्मनिर्भर बिहार
5 सूत्र
1. स्वस्थ समाज, आत्मनिर्भर बिहार
2. शिक्षित बिहार, आत्मनिर्भर बिहार
3. गांव-शहर, सबका विकास
4. सशक्त कृषि, समृद्ध किसान
5. उद्योग आधार, सबल समाज
संकल्प
बिहार के हर निवासी का मुफ्त कोरोना टीकाकरण कराएंगे।
2. मेडिकल, इंजीनियरिंग समेत तकनीकी शिक्षा अब हिंदी में उपलब्ध कराएंगे।
3. 3 लाख शिक्षकों की नियुक्ति करेंगे।
4. आईटी हब के रूप में विकसित कर 5 साल में 5 लाख से ज्यादा रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएंगे।
5. एक करोड़ महिलाओं को स्वावलंबी बनाएंगे।
6. कुल 1 लाख लोगों को स्वास्थ्य विभाग में नौकरी उपलब्ध कराएंगे, अखिल भारतीय आरोग्य संस्थान एम्स का संचालन 2024 तक सुनिश्चित करेंगे।
7. धान और गेहूं के बाद अब दलहन की भी खरीद एसएमपी की निर्धारित दरों पर करेंगे।
8. ग्रामीण क्षेत्रों तथा शहरी क्षेत्रों के और 30 लाख लोगों को वर्ष 2022 तक पक्के मकान देंगे।
9. दो वर्षों में निजी और कॉम्फेड आधारित 15 नए प्रोसेसिंग उद्योग लगाएंगे।
10. अगले 2 वर्षों में मीठे पानी में पलने वाली मछलियों के उत्पादन में राज्य को देश का नंबर एक राज्य बनाएंगे