मेरठ
हरिद्वार से जल लेकर आने वाले कावड़ियों की संख्या मेरठ और मुजफ्फरनगर में बढ़ाने लगी है। सुरक्षा एजेंसियों से इनपुट मिला है कि कांवड़ यात्रा पर आतंकी साया मंडरा रहा है। जिसके चलते आकाश से लेकर जमीन तक डॉग स्क्वाड और बम निरोधक दस्ते के साथ कांवड़ यात्रा पर प्रशासन निगरानी रख रहा है। किसी भी आतंकी घटना से बचने के लिए प्रशासन ने ATS की कमांडो टुकड़ी के साथ RAF और PAC को भी लगाया गया है। वही सुरक्षा की दृष्टि से ड्रोन के द्वारा कावड़ मार्ग पर निगरानी रखी जा रही है और कावड़ मार्ग का सुरक्षा घेरा बढ़ा दिया गया है।
मेरठ में बढ़ते कावड़ियों की तादाद को देखते हुए प्रशासन ने दौराला टोल से लेकर मोदीपुरम और दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे तक अलग-अलग जगहों पर तीसरी आंख यानी ड्रोन से सुरक्षा का निरीक्षण किया। साथ ही डॉग स्क्वाड और बम निरोधक दस्ते से भी चेकिंग करवाई जा रही है । मेरठ के आलाधिकारी कावड़ मार्ग पर हर वक्त स्वयं निरीक्षण कर रहे है। इतना ही नहीं रात्रि में निकलने वाली बड़ी कावड़ो को पुलिस की गाड़ी अपनी निगरानी में उनके गंतव्य की तरफ बढ़ाती नजर आ रही है। लेकिन इस बार कावडियों के भेष में पुलिस कर्मी कम नजर आ रहे हैं।
सुरक्षा का बनाया अभेद घेरा, फिर भी हो रही घटनाएं
प्रशासन ने सुरक्षा का अभेद घेरा बनाते हुए हर 200 कदम पर स्थानीय पुलिस और यातायात पुलिस जवानों को तैनात कर रखा है। मेरठ DM और SSP ने बताया है कि कावड़ यात्रा के लिए मेरठ को 6 सुपर जोन, 22 जोन और 63 सेक्टर में पूरे शहर को बांटा गया है। पुलिस-प्रशासन कोशिश में जुटा हुआ है कि जनता और कावड़ियों को किसी को दिक्कत नही होनी चाहिए। वहीं जगह-जगह चिकित्सा कैम्प और खाने पीने और आराम करने के लिए शिविर लगे हुए है।
एसएसपी डॉ. विपिन टाडा ने बताया कि कांवड़ यात्रा को सकुशल चलाने के लिए आर ए एफ, एटीएस कमांडो महिला पुलिस, ट्रैफिक पुलिस, सिविल पुलिस, गोताखोर, पीएसी के जवान लगे हैं। मेरठ जनपद 200 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे, 1000 से ज्यादा पुलिसकर्मी डटे हुए हैं। शहर के सारे कट को बंद किया है, टोल प्लाजा पर भी फोर्स तैनात की गई है। और कंट्रोल रूम से निगरानी की जा रही है। फिर भी कई स्थानों पर कावड़ खंडित होने पर उग्र हो रहे कांवड़िए व्यवस्था की पोल खोलते नजर आ रहे हैं।
हरिद्वार से प्रतिदिन उठने लगी लाखों कांवड़
हरिद्वार से प्रतिदिन लाखों की संख्या में शिवभक्त भोले गंगाजल लेकर अपने शिवालयों की तरफ बढ़ रहे है। अभी फिलहाल ज्यादा कावड़िए हरियाणा , पंजाब, राजस्थान, दिल्ली, अलावा गाजियाबाद, हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़ और.गौतमबुद्धनगर के मेरठ कावड़ मार्ग से होकर गुजर रहें है। 3 दिन बाद मेरठ के कावड़ भी जिले में प्रवेश करेंगी जो प्रशासन के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा।