फिरोजाबाद
सोशल मीडिया पर यूपी के फिरोजाबाद जिले का एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है, जिसमें घायल महिला सब इंस्पेक्टर प्रीति राय को थानाध्यक्ष रंजना गुप्ता गोद में उठाकर अस्पताल के अंदर ले जाती हुई दिखाई दे रही हैं. इसको लेकर दावा किया गया कि अस्पताल में स्ट्रेचर नहीं मिलने से महिला थानाध्यक्ष को ऐसा करना पड़ा. हालांकि, अब इसको लेकर पुलिस की ओर से सफाई आई है.पुलिस ने सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावे का खंडन किया है और उसकी सच्चाई बताई है.
मामले में फिरोजाबाद के एसपी ने बयान जारी करते हुए बताया कि 28 जुलाई को महिला थाना में नियुक्त सब इंस्पेक्टर प्रीति राय अपनी स्कूटी से जा रही थीं तभी एक कार से उनकी टक्कर हो गई. इस टक्कर में प्रीति राय को चोट लग गई. जिसपर महिला थाना प्रभारी रंजना गुप्ता तत्काल मौके पर पहुंची और घायल सब इंस्पेक्टर को लेकर स्थानीय अस्पताल (ट्रामा सेंटर) पहुंचीं. सीओ सिटी भी मौके पर पहुंच गए थे. चूंकि, परिस्थिति ऐसी थी इसलिए बिना देर किए थाना प्रभारी रंजना गुप्ता द्वारा सब इंस्पेक्टर प्रीति राय को अपनी गोद में उठाकर अस्पताल के अंदर ले जाकर भर्ती कराया गया.
अस्पताल में इलाज के बाद सब इंस्पेक्टर प्रीति राय को शाम तक डिस्चार्ज कर दिया गया. वो पूरी तरह से स्वस्थ हैं. वहीं, महिला थाना प्रभारी रंजना गुप्ता द्वारा इस मामले में जिस प्रकार की तत्परता दिखाई गई उसकी हम सराहना करते हैं. अस्पताल में स्ट्रेचर उपलब्ध था या नहीं इस बारे में हमें कोई जानकारी नहीं है.
इस घटना में शिकोहाबाद निवासी कार सवार अनिल कुमार को भी चोट लगी थी. अनिल का कहना है कि स्कूटी बचाते समय कार डिवाइडर पर चढ़ गई, जिसमें उनकी मां रामादेवी, बेटा मनीष भी घायल हुए थे. उन्हें भी ट्रॉमा सेंटर में ही भर्ती कराया गया था और 4 घंटे बाद इन सबको भी छुट्टी दे दी गई थी.
मालूम हो कि महिला थाना इंचार्ज रंजना गुप्ता एक राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी रही हैं. इस कारण उन्हें एक महिला सब इंस्पेक्टर को गोदी में ले जाने में कोई परेशानी नहीं हुई.
बता दें कि सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा था कि महिला सब इंस्पेक्टर प्रीति राय की स्कूटी डिवाइडर से टकरा गई थी. प्रीति जमीन पर गिरी और चोटिल हो गईं. तत्काल उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां मौके पर कोई स्ट्रेचर खाली नहीं मिला. जिसपर महिला थाने की इंस्पेक्टर रंजना गुप्ता ने प्रीति को गोद में उठा लिया और डॉक्टर के पास लेकर गईं. हालांकि, पुलिस ने अब इसकी सच्चाई बताई है.