भोपाल
उप-मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने मंत्रालय में प्रधानमंत्री भारतीय जन-औषधि परियोजना के मध्यप्रदेश में क्रियान्वयन की समीक्षा की। उन्होंने जन-औषधि केंद्रों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए और जागरूकता के प्रसार के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जन-औषधि मेला लगाये जाने के प्रबंध करें। जिससे इच्छुक व्यक्ति आगे आयें साथ ही आमजन को भी जन-औषधि केंद्रों की सुविधाओं और लाभ लेने के लिए जागरूक किया जाये। वर्तमान में मध्यप्रदेश में 412 प्रधानमंत्री जन-औषधि केंद्र संचालित हैं।
सभी को किफायती दामों पर गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाइयाँ उपलब्ध कराने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा ‘जन-औषधि योजना’ शुरू की गई थी। योजना का उद्देश्य जेनेरिक दवाओं की उपलब्धता और गुणवत्ता के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करना है। आमजन में इस बात की जागरूकता लाना कि दवाइयों की उच्च कीमत उच्च गुणवत्ता का पर्याय नहीं है। प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र में उपलब्ध दवाएँ गुणवत्ता परीक्षण की भारत सरकार द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुसार हैं एवं उनका नियमानुसार परीक्षण किया जाता है। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मो. सुलेमान, एमडी एमपीपीएचएससीएल डॉ. पंकज जैन, कंट्रोलर एफडीए मयंक अग्रवाल सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।