लखनऊ
यूपी सरकार नजूल भूमि को अब पट्टे पर नहीं देगी। इसके अलावा पट्टा समय सीमा खत्म होने के बाद पट्टेदारों को बेदखल कर नजूल भूमि वापस ले ली जाएगी। यूपी सरकार ने उत्तर प्रदेश नजूल संपत्ति (लोक प्रयोजनार्थ प्रबंध और उपयोग) विधेयक-2024 को विधानसभा में सोमवार को पेश किया। बुधवार को सपा के भारी विरोध के बीच ये विधेयक विधानसभा में पास हो गया। इसके बाद गुरुवार सुबह 11 बजे तक के लिए विधानसभा को स्थगित कर दिया गया।
29 जुलाई यूपी विधानसभा के मॉनसूत्र सत्र में सरकार और विपक्ष के बीच सवाल-जवाबों का दौर जारी है। विपक्ष के सवालों के बीच यूपी सरकार ने नजूल संबंधी विधेयक विधानसभा में बुधवार को पास करा लिया। नजूल भूमि विधेयक के पास होते ही सदन में जबरदस्त हंगामा शुरू हो गया। विधेयक के विरोध में विपक्ष नारेबाजी करने लगा। विपक्ष के कई विधायक धरने पर बैठ गए। भाजपा विधायक हर्षवर्धन बाजपेई ने भी नजूल भूमि कानून को लेकर सरकार को घेरा। संसदीय कार्यमंत्री ने टोका तो विपक्ष ने भी टोकाटाकी शुरू कर दी। भाजपा विधायक बाजपेई ने कहा कि आजादी के 75 साल पहले मिली भूमि लोग 100-100 साल से रह रहे हैं। मोदी जी लोगों को आवास दे रहे हैं। आप गिरा देंगे? जो लोग नजूल भूमि में पहले से रह रहे हैं उसको फ्री होल्ड किया जाए। उन्होंने कहा, राजा भैया, सिद्धार्थनाथ सिंह के घर के आसपास 100 मीटर के दायरे में बड़ी संख्या में लोग रहते हैं। नजूल भूमि को लेकर अधिकारियों ने गलत फीडबैक दिया है।
जिस घर में पुश्तें रह रही हों, उसमें लोगों को रहने का अधिकार : कांग्रेस विधायक
कांग्रेस विधायक आराधना मिश्रा मोदी ने नजूल भूमि विधेयक का विरोध करते हुए कहा, मैं जानना चाहूती हूं कि फ्री होल्ड का ऑप्शन 2002-2003 में पैसा जमा करने का ऑप्शन दिया गया था कि किस्तों में पैसा दिया जाए। इस योजना के बाद बहुत लोगों की जमीन फ्री होल्ड भी हो गई थीं। हो सकता है कि किसी वजह से उस वक्त कुछ लोगों ने जमीनों को फ्री होल्ड न करवा पाए हों। कानून विसंगित पैदा कर रहा है। देश का कानून और संविधान अधिकार देता है। उन्होंने कहा, जिस घर में पुश्तें रह रही हों उसमें रहने का अधिकार है। अगर फ्री होल्ड का ऑप्शन देंगे तो ज्यादा रेवेन्यू होगा। कानून को प्रवर समिति भेजा जाए।
लाखों लोगों को सड़क पर लाने की कोशिश, सदन में बोले राजा भैया
नजूल भूमि कानून विधेयक का विरोध करने में कुंडा विधायक राजा भैया भी पीछे नहीं रहे। उन्होंने कहा, कौन सा विकास हो रहा है, लाखों लोगों को सड़क पर लाने की कोशिश है। किन अधिकारियों ने फीडिंग की समझ से परे है। अगर अंग्रेज फ्री होल्ड कर सकते हैं तो ये जनहितकारी सरकार क्यों नहीं कर सकती। फ्री होल्ड करने की किस्त लेने के बाद रोक दिया गया। ये गलत फैसला है। उन्होंने कहा, इलाहाबाद हाईकोर्ट भी नजूल भूमि पर बना है। क्या उसे भी खाली करा लेंगे? व्यवस्था से अव्यवस्था पैदा होगा। राजा भैया ने भी नजूल भूमि कानून को प्रवर समिति भेजने की बात कही।
क्या है नजूल भूमि विधेयक
भारत को आज़ादी मिलने के बाद अंग्रेज़ों ने इन ज़मीनों को खाली कर दिया। लेकिन राजाओं और राजघरानों के पास अक्सर पूर्व स्वामित्व साबित करने के लिए उचित दस्तावेज़ों की कमी होती थी, इन ज़मीनों को नज़ूल भूमि के रूप में चिह्नित किया गया था। जिसकी संपत्ति संबंधित अधिकार प्रदेश की सरकार के पास है।