तेहरान
इजरायल ने 20 जुलाई को यमन के हूतियों के कब्जे वाले होदेदाह पर हवाई हमला किया था। इस हमले में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई और 80 से ज्यादा घायल हुए। इसके बाद 30 जुलाई को इजरायल ने लेबनान की राजधानी बेरूत में हिजबुल्लाह के एक शीर्ष कमांडर फुआद शुकर को एक हमले में मार गिराया। इसके कुछ घंटे बाद हमास के राजनीतिक प्रमुख इस्माइल हानिया की तेहरान में हत्या कर दी गई। ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) और हमास ने हानिया की हत्या के लिए इजरायल को दोषी ठहराया है।
तीनों समूहों- यमन के हूती, लेबनान के हिजबुल्लाह और फिलिस्तीन के हमास के बीच एक बात सामान्य है कि इन तीनों को इजरायल के मुख्य प्रतिद्वंद्वी ईरान का समर्थन प्राप्त है। कुछ ही दिनों में तीनों गुटों को निशाना बनाकर इजरायल ने ईरान को तगड़ा झटका दिया है। वहीं लगातार हुए इन हमलों ने क्षेत्र को एक पूर्ण युद्ध के कगार पर पहुंचा दिया है। इसकी वजह ये है कि हूती, हमास और हिजबुल्ला इन हमलों के बाद ईरान के साथ एक मंच पर आकर इजरायल से भिड़ने की सोच सकते हैं।
हानिया की मौत के बाद क्या करेगा ईरान?
एक रिपोर्ट में हालिया घटनाओं, खासतौर से हानिया की मौत से ईरान और इजरायल के रिश्ते पर पड़ने वाले असर की बात की गई है। गाजा के बाहर हमास के बड़े नेता हानिया की हत्या को इजरायल की जीत की तरह से देखा जा रहा है। शेख अहमद यासीन और अब्देल अजीज अल-रंतिसी के बाद हानिया को हमास के सबसे शक्तिशाली नेता के तौर पर देखा जाता था। यासीन मार्च 2004 में इजरायली मिसाइल हमले में मारे गए थे। उनके उत्तराधिकारी नियुक्त किए गए रंतिसी को भी एक महीने के भीतर इजरायलियों ने मार डाला था। ऐसे समय में जब हमास नेतृत्व विहीन होता दिख रहा था तो हानिया ने हमास को आगे बढ़ाया और इसमें उसे काफी कामयाबी भी हासिल की। गाजा पर हमास के कब्जे में हानिया की भूमिका काफी अहम रही तो दुनिया में भी समर्थन हासिल करने की कोशिश की।
इस्माइल हानिया 2017 में गाजा छोड़कर कतर आ गया और हमास की अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति का प्रमुख चेहरा बनकर उभरा। हानिया ने हालिया दिनों में गाजा में युद्ध विराम के लिए हमास की ओर से लगातार बातचीत का नेतृत्व किया था। हानिया की मौत से गाजा युद्ध विराम वार्ता को भी झटका लगा है। ऐसे में क्या हमास अब इजरायल के साथ बंधक समझौते को स्वीकार करेगा और ईरान इस हत्या की शर्मिंदगी के बाद क्या फैसला लेगा। ईरान ने इस साल दमिश्क में अपने दूतावास परिसर पर बमबारी के बाद इजरायल पर बड़े पैमाने पर मिसाइल और ड्रोन हमला किया था। इसके बाद से इजरायल ने ईरानी अधिकारियों या उसके मिशनों को निशाना नहीं बनाया था लेकिन ईरान से जुड़े तीन मिलिशिया के खिलाफ हमले करके इजरायल ने एक नई लड़ाई का ऐलान कर दिया है। खासतौर से तेहरान की जमीन पर हमला ईरान के लिए बड़ी शर्मिंदगी का सबब बन रहा है।
जवाबी हमला करेगा ईरान?
इस साल अप्रैल में जब सीरिया में उसके दूतावास परिसर पर हमला हुआ था तो ईरान ने जवाबी कार्रवाई करते हुए मिसाइल और ड्रोन से हमला किया था। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ईरान इस बार भी अपनी जमीन पर हुई हत्या के बाद जवाबी कार्रवाई करेगा। आईआरजीसी ने हमले के लिए इजरायल को दोषी ठहराया है, जो ये दिखाता है कि ईरान जवाबी कार्रवाई करेगा। सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खुमैनी ने भी बदला लेने की कसम खाई है। अब यह देखना बाकी है कि ईरान और हिजबुल्लाह जवाबी कार्रवाई में क्या करने जा रहे हैं और इसके बाद इजरायल क्या करेगा। कहा जा सकता है कि पश्चिम एशिया खतरनाक रूप से एक पूर्ण युद्ध के करीब है। निश्चित रूप से हानिया की मौत ईरान और इजरायल के बीच तनाव को खतरनाक स्तर तक बढ़ा सकती है।