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इस्माइल हानिया की मौत के बाद गुस्से में ईरान, अयातुल्ला खुमैनी ने की ओर से हो सकता है मिसाइल हमला

तेल अवीव
 ईरान और इजरायल के बीच बीते कई वर्षों से तनातनी चल रही है। ये तनातनी इस समय चरम पर पहुंच गई है, इसकी वजह तेहरान में हमास नेता इस्माइल हानिया की मौत है। हानिया पर हमले के लिए ईरान ने इजरायल को जिम्मेदार बताया है और बदला लेने की कसम खाई है। इस्माइल के अलावा हिजबुल्लाह कमांडर फुआद शुकर को भी बेरूत में एक हवाई हमले में मार दिया गया है। कुछ घंटे के भीतर शुकर और हानिया की मौत ने ईरान और हिजबुल्लाह को भड़का दिया है। हमले के अंदेशे को देखते हुए कई एयरलाइंस ने इजरायल और लेबनान के लिए उड़ानें रद्द कर दी हैं और कई देशों ने अपने नागरिकों से तुरंत इस क्षेत्र को छोड़ने के लिए कहा है।

इजरायल बीते साल अक्टूबर से गाजा में हमास के साथ लड़ रहा है। इस जंग में हमास के समर्थन में लेबनान सीमा पर हिजबुल्लाह और यमन में हूती विद्रोही भी शामिल हैं। इन तीनों ही संगठनों को ईरान का समर्थन है। माना जाता है इजरायल को चौतरफा घेरने के लिए ईरान इन समूहों को वित्तपोषित और प्रशिक्षित करता है। हालिया घटनाक्रम के बाद ईरान की ओर से इजरायल को निशाना बनाया जा सकता है। इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने भी इसका इशारा करते हुए कहा कि हमारे सामने चुनौतीपूर्ण दिन हैं। हम सभी तरफ से धमकियां सुन रहे हैं। हम किसी भी परिदृश्य के लिए तैयार हैं। किसी भी खतरे के खिलाफ एकजुट और दृढ़ से लड़ेंगे।
ईरान के पास जवाबी कार्रवाई के कई विकल्प

यरुशलम पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, मिसगाव इंस्टीट्यूट फॉर नेशनल सिक्योरिटी के ब्रिगेडियर जनरल (सेवानिवृत्त) योसी कुपरवासेर ने ईरान की ओर से हमले के अंदेशे पर कहा कि ईरान के पास जवाबी कार्रवाई के लिए कई विकल्प हैं और इस संघर्ष के एक बड़े पैमाने पर क्षेत्रीय युद्ध में बदलने की संभावना है। तेल अवीव विश्वविद्यालय में ईरान विशेषज्ञ डॉक्टर रज जिम्ट का कहना है कि ईरान की धरती से सीधे इजरायल पर हमले के साथ यह इजराइल और ईरान के बीच संघर्ष का एक नया चरण शुरू हो सकता है।

रिपोर्ट कहती है कि इजरायली खुद को ईरानी हमले के लिए तैयार कर रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप एक बड़ा क्षेत्रीय संघर्ष हो सकता है। जिम्ट का कहना है कि ये बहुत संभावना है कि ईरान हमला करेगा। सवाल यह है कि इस तरह के हमले के क्या परिणाम होंगे और क्या इस साल अप्रैल की तरह ये नियंत्रित हो पाएगा। अगर इजरायल व्यापक संघर्ष में उतरा तो फिर उसे बड़ा खतरा हिजबुल्लाह से है। वह निश्चित ही खुद को एक बहु-मोर्चे पर टकराव की स्थिति में पाएग।

ईरान के साथ कई गुट भी करेंगे हमला!

जिम्ट का कहना है कि इजरायल को इस दफा ईरान और उसके प्रॉक्सी मिलिशिया की ओर से संयुक्त हमला देखने को मिल सकता है। ईरान संभवत यूएवी और क्रूज मिसाइलों का इस्तेमाल इजरायल पर करेगा, जैसे ईरान इसी साल अप्रैल में कर चुका है। उसके साथ हिजबुल्लाह भी इजरायल की जमीन पर रॉकेट दाग सकता है। इससे इजरायल के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है।

रक्षा विश्लेषकों का अनुमान है कि हिजबुल्लाह के पास करीह 150,000 रॉकेट जमा हैं। साथ ही उसने अपनी मिसाइल क्षमताओं में भी सुधार किया है और इजरायल पर हमला करने के लिए उसके पास लड़ाकों की बड़ी तादाद है। ईरान और हिजबुल्लाह के अलावा इजरायल के लिए खतरों में हूती विद्रोही भी शामिल हैं।

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