लखनऊ
केंद्र की मोदी सरकार वक्फ एक्ट में संसोधन करने की तैयारी में है। मोदी कैबिनेट वक्फ एक्ट में करीब 40 संसोधनों को मंजूरी दे दी है। बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड की किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति बनाने की शक्तियों पर अंकुश लगाना चाहती है। वहीं इसको लेकर मुस्लिम धर्मगुरुओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। मौलाना सुफियान निजामी ने कहा कि मोदी सरकार को अपने इस फैसले पर गौर करने की जरूरत है। इसके साथ ही हिंदू महासभा ने मोदी सरकार के इस कदम का स्वागत किया है।
यूपी वक्फ तरक्की बोर्ड अध्यक्ष मौलाना सुफियान निजामी ने कहा कि यह क्यों किया जा रहा है और इसके पीछे क्या मंशा है यह सरकार बता पाएगी। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद वक्फ एक्ट बना और वक्फ बोर्ड मौजूद है। उसका काम वक्फ बोर्ड की प्रॉपर्टी को सही तरीके से चलाया जाए और सही इस्तेमाल किया जाए। अगर सरकार को यह लगता है कि वक्फ की जमीन में खुर्दबुर्द हो रहा है, तो जहां पर सरकारी या गैर सरकारी जमीन पर कब्जा किया गया है, उस संपत्ति का छुड़ाने का काम किया जाए। अगर संपत्ति से कब्जा नहीं छुड़ा सकते है तो वक्फ बोर्ड को उसका किराया दिलाया जाए।
वक्त बोर्ड को बताया भूमाफिया
सुफियान निजामी ने आगे कहा कि अब इसके लिए नया कानून लाना और बिल में ही संशोधन करना यह मुनासिब नहीं है। मोदी सरकार को अपने इस फैसले पर गौर करने की जरूरत है। वहीं इस मामले को लेकर अखिल भारत हिंदू महासभा के प्रवक्ता शिशिर चतुर्वेदी ने कहा कि कांग्रेस की नेहरू सरकार ने एक काला कानून बनाया था। इसका नाम था वक्फ बोर्ड और वक्फ एक्ट, जिसने सबसे ज्यादा जमीन कब्जाने का रिकार्ड बनाया है। वक्फ बोर्ड ने हिंदुओ की जमीन, मठ और मंदिरों को कब्जा कर लिया है। वक्फ बोर्ड देश का सबसे बड़ा भूमाफिया है। ये बोर्ड ताज महल पर भी बनाया दावा ठोक रखा है। किसी के भी दुख दर्द में वक्फ वाले खड़े नहीं होते हैं। खासकर हिंदुओ की जमीन को लूटने के खिलाफ केंद्र सरकार कानून लाने जा रही है। जो स्वागत योग्य कदम है।