लंदन
उत्तर-पश्चिमी इंग्लैंड में चाकू से हुए हमले में तीन लड़कियों की मौत हो गई थी। इसके बाद यूके में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहे हैं। आने वाले दिनों में और भी प्रदर्शन की उम्मीद है। धुर दक्षिणपंथियों की ओर से प्रदर्शन तेज हो गया। पुलिस और प्रदर्शनकारियों में झड़प देखी गई। शनिवार को दर्जनों लोगों को गिरफ्तार किया गया। हिंसक भीड़ और जलती हुई दुकानों की तस्वीरें अब पूरी दुनिया में शेयर की जा रही है। साउथपोर्ट में टेलर स्विफ्ट-थीम वाली योग क्लास के दौरान चाकूबाजी की घटना के बाद तीन बच्चियों की मौत हो गई। इस घटना के बाद सभी शहरों में तनाव बढ़ गया है। इस पूरे बवाल का कारण आरोपी से जुड़ी एक खबर है। सोशल मीडिया पर दावा किया गया कि साउथपोर्ट का हमलावर एक अप्रवासी मुस्लिम था जो अवैध रूप से ब्रिटेन में आया था। इसके बाद अप्रवासियों के खिलाफ विरोध की लहर देखी गई।
कार्डिफ में जन्मे 17 साल के एक्सल रुदाकुबाना पर हत्या और हत्या के प्रयास का आरोप लगाया गया है। आम तौर बार बालिग आरोपी का ही नाम पब्लिक किया जाता है। इस सप्ताह इंग्लैंड के अलग-अलग इलाकों में विरोध प्रदर्शन से निपटने के लिए दंगा पुलिस को स्टैंडबाय पर रखा गया है। वहीं धार्मिक नेताओं ने साउथपोर्ट की हत्या के बाद नफरत फैलाने के प्रयासों की निंदा करते हुए इसे शर्मनाक बताया। द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक हिंसा की संभावित चेतावनी के बीच किसी भी प्रदर्शन में शांति का आह्वान करने वालों में मुस्लिम, यहूदी, हिंदू और ईसाई धर्मगुरु शामिल थे।
बॉर्डर बंद करने को लेकर प्रदर्शन
ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने इस अशांति पर चर्चा करने के लिए शनिवार को अपने कैबिनेट के वरिष्ठ मंत्रियों से मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सड़कों पर चरमपंथियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पुलिस को पूरा समर्थन है। मैनचेस्टर, बेलफ़ास्ट, लिवरपूल और अन्य शहरों में विरोध प्रदर्शन हुआ। सोशल मीडिया पर शनिवार को आए वीडियो में आप्रवासी-विरोधी प्रदर्शनकारियों की भीड़ लिवरपूल की नदी के किनारे इकट्ठा होकर 'नावों को रोको' जैसे नारे लगाते हुए दिखे। दरअसल अफ्रीका और खाड़ी के अन्य देशों से भाग कर लोग यूरोप पहुंच रहे हैं। यह समुद्री रास्तों से नावों में बैठ कर आते हैं। पिछले कुछ वर्षों में बड़ी संख्या में अप्रवासी आए हैं।
ब्रिटेन में मुस्लिम निशाने पर
धुर दक्षिणपंथियों की ओर से किए गए प्रदर्शन के खिलाफ भी प्रदर्शन हो रहा है। स्वीडिश पत्रकार पीटर स्वीडन ने एक वीडियो शेयर कर दावा किया कि बॉर्डर बंद करने की मांग के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। उन्होंने एक्स पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, 'खुली सीमा विरोधी प्रदर्शनों के जवाब में नकाबपोश लोगों के बड़े सशस्त्र गिरोह ब्रिटेन की सड़कों पर 'अल्लाह हू अकबर' चिल्लाते हुए घूम रहे हैं।' ब्रिटेन के मैनचेस्टर में प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने हमारे बच्चों को बचाओ जैसे नारे लिखी तख्तियां लेकर मार्च किया। उनके प्रदर्शन के खिलाफ एक गुट ने प्रदर्शन किया जिनके हाथों में नारे लिखे थे, 'फासीवाद और नस्लवाद को न कहो।'