मध्यप्रदेश

21 ग्रामोद्योगों के विकास के लिये बुनकरों, शिल्पियों एवं कारीगरों को मिल रहा है तकनीकी प्रशिक्षण

भोपाल  
कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में होने वाले 21 प्रकार के औद्योगिक कार्यों/ गतिविधियों के विकास के लिये बुनकरों, शिल्पियों एवं अन्य विधाओं के कारीगरों को तकनीकी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। हस्तशिल्प, ग्रामोद्योग, चमड़ा उद्योग (चर्मकार्य), बर्तन उद्योग, कागज से बने उत्पाद, छपाई, जिल्दसाजी, सिथोग्राफी, कांच उत्पाद, रबर के सामान और इससे बनने वाले उत्पाद, भवन निर्माण कार्य/ भवन सामग्री, रसायन/ रसायन के उत्पाद, पेट्रोल रसायन (प्लास्टिक), सामान्य इंजीनियरिंग, खेल का सामान, रेशम संबंधी उत्पाद, नारियल के रेशे, वन क्षेत्रों पर आधारित कार्य/कलाकर्म, सेवा उद्योग संबंधी कार्य एवं अन्य विविध विधाओं में संलग्न व्यक्तियों के हुनर को निखारने के लिये इन्हें तकनीकी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बुनियादी एवं उन्नत दोनों श्रेणी के प्रशिक्षण देकर ग्रामोद्योगों में संलग्न व्यक्तियों के कौशल विकास के महती प्रयास किये जा रहे हैं।

राज्य सरकार द्वारा "एक जिला-एक उत्पाद" योजना के अंर्तगत के प्रदेश के 7 जिलों में हो रही विशेष ग्रामोद्योग गतिविधियों को चिन्हांकित किया गया है। राज्य सरकार द्वारा अशोक नगर (चन्देरी, हाथकरघा वस्त्र साडी आदि), धार (बाग प्रिंट), उज्जैन (बटिक प्रिंट), सीधी (दरी/कालीन), सीहोर (लेकर वेयर शिल्प), भोपाल (जरी, जरदोजी) एवं दतिया (गुड़ उत्पाद) का चयन किया गया है। योजना में इन जिलों से संबंधित ग्राम्य उत्पादों के विस्तार एवं विपणन से जुड़ी सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं। इसके लिये बुनकरों एवं शिल्पियों को कौशल उन्नयन प्रशिक्षण, टूल किट, उपकरण प्रदाय एवं उत्पादन विक्रय के लिये विपणन सुविधा देकर निर्मित उत्पादों को प्रदेश व देश में आयोजित विभिन्न मेलों/प्रदर्शनियों के माध्यम से बिक्री कराकर इनके रोजगार का प्रबंध भी किया जा रहा है।

कबीर बुनकर पुरस्कार योजना
इस योजना में प्रदेश के हाथकरघा वस्त्र उत्पादन करने वाले तीन उत्कृष्ट बुनकरों को प्रोत्साहन स्वरूप चयन समिति की अनुशंसा/निर्णय के अनुरूप पुरस्कार दिये जाते हैं। प्रथम पुरस्कार के रूप में एक लाख रूपये, द्वितीय पुरस्कार में 50 हजार रूपये एवं तृतीय पुरस्कार में 25 हजार रूपये दिये जाते हैं। प्रदेश में वर्तमान में 17 हजार 597 से अधिक करघों पर सुविख्यात हाथकरघा वस्त्र जैसे चन्देरी एवं महेश्वरी-साडियां, ड्रेस मटेरियल, होम फर्निशिंग, बेडशीट एवं शासकीय विभागों में प्राय: उपयोग में आने वाले वस्त्रों का वृहद स्तर पर उत्पादन किया जा रहा है। इन हाथकरघों के जरिये गत वित्तीय वर्ष में लगभग 33 हजार 480 से अधिक बुनकरों को रोजगार दिलाया गया।

हाथकरघा एवं हस्तशिल्प क्षेत्र के लिए कौशल एवं तकनीकी विकास योजना
यह एक जिलास्तरीय योजना है। योजना में जिले को आवंटित बजट से हाथकरघा हस्तशिल्प क्षेत्र में कार्यरत प्राथमिक बुनकर सहकारी समितियों, स्व सहायता समूहों, उद्यमियों, हाथकरघा एवं हस्तशिल्प क्षेत्र में कार्यरत अशासकीय संस्थाओं, व्यक्तिगत बुनकरों/शिल्पियों को आत्मनिर्भर बनाने, ग्रामोद्योग उत्पादों को बाजार की मांग के अनुरूप योग्य बनाने के लिये तकनीकी सपोर्ट, प्रशिक्षण, विशेषज्ञों की सेवाएँ, उन्नत उपकरण, शिक्षण संस्थाओं में प्रदेश के बुनकरों/शिल्पियों (युवाओं) को प्रशिक्षण के दौरान छात्रवृत्ति एवं अन्य व्ययों की पूर्ति सहायता भी दी जा रही है।

एकीकृत क्लस्टर विकास कार्यक्रम योजना
ग्रामोद्योग विभाग में क्लस्टरों को विशिष्ठ बनाने, वर्तमान क्लस्टर्स को सुदृढ़ करने, क्लस्टर्स की वित्तीय सहायता बढ़ाने, डायग्नोस्टिक स्टडी, नवीन एवं आधुनिक उपकरणों का प्रदर्शन एवं विकास, अन्य आवश्यक इनपुट डिजाइन, बाजार लिंकेजेस, सलाहकारों की सेवाएं लेने एवं कमियों को चिन्हित करने के लिये अध्ययन एवं प्रशिक्षण की व्यवस्था करने तथा लघु एवं मध्यम उद्यमियों/अशासकीय संस्थाओं को सपोर्ट करने, वर्कशाप सहित अध्ययन भ्रमण के लिये भी सहायता राशि दी जाती है। क्लस्टर विकास के लिये सभी जरूरी बुनियादी आवश्यकताओं जैसे सड़क, नाली, पेयजल, विद्युत आपूर्ति, शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास के लिये भी विभागीय सहायता दी जाती है।

हाथकरघा एवं हस्तशिल्प क्षेत्रों के लिये विपणन सहायता योजना
कुटीर एवं ग्रामोद्योग से संबंधित उत्पादों की लोकप्रियता बढाने तथा विकास कार्यों का अभिलेखीकरण जिसमें डिजाईन, डिक्शनरी प्रकाशन, ब्रोशर प्रिटिंग परियोजना, प्रतिवेदन, इलेक्ट्रानिक मीडिया का उपयोग तथा बेस्ट प्रेक्टिसेस, नवीन उत्पादों की टेस्ट मार्केटिंग के लिये प्रदर्शनी आयोजन, हाथकरघा एवं हस्तशिल्प उत्पादों के विपणन को प्रोत्साहन के लिये प्रदेश व प्रदेश के बाहर मेला/ प्रदर्शनी लगाने के लिये सहायता, प्रदेश के बाहर एवं देश के भीतर होने वाले विभिन्न एक्सपो/मेलों प्रदर्शनियों के लिये उत्पाद माल के परिवहन तथा दो व्यक्तियों के आने-जाने का किराये, स्टॉल रेंट के लिये सहायता, क्रेता-विक्रेता सम्मेलन आयोजन तथा राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के क्रेता-विक्रेता सम्मेलनों में भागीदारी के लिये भी सहायता दी जाती है।

राष्ट्रीय हथकरघा विकास कार्यक्रम योजना – मध्य क्षेत्रीय योजना

भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय के अधीन विकास आयुक्त, हाथकरघा द्वारा देश के सभी बुनकरों के कल्याण के लिये वर्ष 2021-22 से राष्ट्रीय हाथकरघा विकास कार्यक्रम योजना लागू की गई है। मध्य क्षेत्रीय योजना में क्लस्टर विकास कार्यक्रम, हाथकरघा विपणन सहायता, इन्फ्रास्ट्रक्चर एण्ड स्पेशल प्रोजेक्ट विकास योजना, मेगा हेण्डलूम क्लस्टर विकास, बुनकर मुद्रा योजना, बुनकर कल्याण योजना, हाथकरघा संगणना के अलावा इन योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार, विज्ञापन, मॉनिटरिंग, प्रशिक्षण और मूल्यांकन भी किया जा रहा है।

जनसम्पर्क विभाग – आरएसएस फीड

PRATYUSHAASHAKINAYIKIRAN.COM
Editor : Maya Puranik
Permanent Address : Yadu kirana store ke pass Parshuram nagar professor colony raipur cg
Email : puranikrajesh2008@gmail.com
Mobile : -91-9893051148
Website : pratyushaashakinayikiran.com