नई दिल्ली
लोकसभा में डीएमके सांसद ए राजा ने मंगलवार को सरकार से दलित आरक्षण को बचाने का अनुरोध किया है। उन्होंने केंद्र सरकार से कहा है कि वह दलितों के अधिकारों की रक्षा के लिए कदम उठाएं। ए राजा ने हाल ही में आए सुप्रीम कोर्ट की एक टिप्पणी की आलोचना की है जिसमें कोर्ट ने कहा है कि आरक्षण का लाभ सिर्फ पहली पीढ़ी तक ही सीमित होना चाहिए।
इस फैसले पर असहमति जताते हुए ए राजा ने लोकसभा में एक सत्र के दौरान कहा, “दलित लोगों में आशंका है कि सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी से उनके अधिकार छीन जायेंगे। उन्होंने आगे हरियाणा की एक घटना का उदाहरण देते हुए कहा, “हरियाणा में एक आईपीएस अधिकारी को भी अपनी शादी में घोड़े पर बैठने की अनुमति नहीं थी।”
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया है कि राज्य सरकार एससी और एसटी कोटे में उपवर्गीकरण करने का अधिकार है। भारत के मुख्य न्यायधीश जस्टिस डी वाई चंद्रचूड सहित 7 जजों की पीठ ने यह भी कहा कि एससी एसटी के कोटे में भी क्रीमी लेयर की पहचान कर उन्हें आरक्षण के दायरे से हटाने की जरूरत है। उपवर्गीकरण की इजाजत देकर सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों के लिए एससी/एसटी श्रेणियों के अंदर सबसे वंचित समूहों की पहचान करने और उन्हें लक्षित लाभ प्रदान करने का रास्ता खोल दिया है।