उत्तर प्रदेश में 10 सीटों पर होने वाले राज्यसभा चुनाव नामांकन प्रक्रिया के खत्म होते ही दिलचस्प हो गया है। आज नामांकन प्रपत्रों की जांच का दिन है। लेकिन उससे पहले बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सात विधायकों ने बगावत कर दी है। इनमें चार विधायकों ने बसपा उम्मीदवार रामजी गौतम ने अपना प्रस्ताव वापस ले लिया है। बागी विधायकों में श्रावस्ती से विधायक असलम राइनी भी शामिल हैं। उन्होंने बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा पर देख लेने व जान से मरवाने की धमकी देने का आरोप लगाया है।
सपा अब दो सीटों पर मजबूत हुई
प्रस्ताव वापस लेने के बाद विधायकों ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि चुनाव के दौरान बसपा के ये विधायक पार्टी के खिलाफ वोटिंग कर सकते हैं। सपा से रामगोपाल यादव ने नामांकन दाखिल किया था। वहीं, सपा ने प्रकाश बजाज को निर्दलीय उम्मीदवार बनाकर चुनाव में उतारा है। बसपा के विधायकों की बगावत और अखिलेश यादव से बढ़ी नजदीकियों से सपा अब दो सीटों पर मजबूत हो गई है। बसपा से रामजी गौतम के अलावा भाजपा के आठ उम्मीदवार मैदान में हैं। लेकिन प्रस्ताव वापस लिए जाने से रामजी गौतम का पर्चा खारिज भी हो सकता है।
इन विधायकों ने की बगावत
नाम | कहां से विधायक |
असलम राइनी | भिनगा (श्रावस्ती) |
असलम अली | ढोलाना (हापुड़) |
हर गोविंद भार्गव | सिधौली (सीतापुर) |
मुज्तबा सिद्दीकी | प्रतापपुर (प्रयागराज) |
हाकिम लाल बिंद | हांडिया (प्रयागराज) |
सुषमा पटेल | मुंगरा बादशाहपुर (जौनपुर) |
वंदना सिंह | सगड़ी (आजमगढ़) |
बागी विधायकों ने क्या कहा?
- विधायक असलम अली ने कहा कि हमारा नाम प्रस्तावकों में शामिल किया गया था। लेकिन, जब हमें पता चला कि बसपा कैंडिडेट को भाजपा के सपोर्ट से राज्यसभा भेजने की जुगत मायावती लगा रही हैं, तो हमने विद्रोह किया। हम भाजपा के विरोधी हैं। हमें इसलिए वोट मिला। अगर यह कैंडिडेट भाजपा के सपोर्ट से राज्यसभा जाता है तो हम क्षेत्र में जनता को क्या मुंह दिखाते। उन्होंने बताया कि कल हमारी मायावती से भी बात हुई थी। हमने उन्हें अपना निर्णय बता दिया था। अब पार्टी हमारे विद्रोह पर जो भी फैसला लेगी, उसके लिए हम तैयार हैं।
- विधायक असलम राइनी ने कहा कि हम 4 विधायकों ने एफिडेविट दिया है कि बसपा प्रत्याशी के नामांकन में हमारे हस्ताक्षर और प्रमाणपत्र नहीं थे। रामजी गौतम द्वारा नामांकन दाखिल किया गया, वह पूर्णतया गलत है। आज हम 4 विधायकों ने एफिडेविट देकर अपना प्रस्ताव वापस ले लिया। उन चार विधायकों में मैं खुद, मुज्तबा सिद्दीकी, हाकिम लाल बिंद, असलम अली हैं। असलम चौधरी की पत्नी ने कल ही सपा जॉइन की है।
अब क्या होगा बसपा उम्मीदवार नामांकन रद्द?
प्रस्ताव वापस लेने से बसपा उम्मीदवार रामजी गौतम का पर्चा खारिज हो सकता है। अगर पर्चा खारिज हो गया तो एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार प्रकाश बजाज के राज्यसभा पहुंच सकते हैं। हालांकि, पूरी स्थिति नामांकन पत्रों की जांच के बाद सामने आएगी। यदि दोनों प्रत्याशियों का पर्चा खारिज हुआ तो एक सीट पर फिर से राज्यसभा चुनाव की नामांकन प्रक्रिया की जाएगी।
विधानसभा में पार्टी वार विधायकों की स्थिति
पार्टी | विधायक |
भाजपा | 305 |
सपा | 48 |
बसपा | 18 |
अपना दल (एस) | 09 |
कांग्रेस | 07 |
सुभासपा | 04 |
रालोद | 01 |
एनआईएसएचडी | 01 |
निर्दलीय | 03 |
26 अक्टूबर को भी अखिलेश यादव से हुई मुलाकात
सूत्र बताते हैं कि बसपा के बागी विधायकों ने 26 अक्टूबर को अखिलेश यादव से मुलाकात की थी। बसपा उम्मीदवार रामजी गौतम के नामांकन दाखिल किए जाने के बाद विधायकों ने अखिलेश से संपर्क साधा था। मुलाकात की जानकारी गोपनीय रखी गई। अखिलेश यादव ने नामांकन के आखिरी डेट तक पूरी प्रक्रिया का इंतजार किया और सपा के 10 विधायकों के प्रस्तावों के साथ वाराणसी के रहने वाले प्रकाश बजाज का निर्दलीय नामांकन करवा दिया। वहीं, बसपा के बागी विधायकों ने मंगलवार को ही अपना एफिडेविट बनवा लिया था।
कौन हैं प्रकाश बजाज जिनके लिए अखिलेश यादव ने चली चाल
प्रकाश बजाज वाराणसी के रहने वाले हैं और पेशे से कॉर्पोरेट वकील हैं। प्रकाश के पिता पूर्व विधायक प्रदीप बजाज हैं। 1977 में प्रदीप बजाज जनता पार्टी से विधायक चुने गए थे। वह काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के सदस्य भी रह चुके हैं। हालांकि प्रदीप खुद राजनीति से अब दूर हैं, लेकिन अब वह अपने बेटे प्रकाश बजाज को सक्रिय राजनीति में लेकर आए हैं।
आज नामांकन पत्र की होगी जांच, वोटिंग हुई तो 9 नवंबर को आएंगे परिणाम
भारत निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश से राज्यसभा की 10 सीटों के लिए चुनाव की घोषणा 13 अक्टूबर को की थी। इन दस सीटों के लिए चुनाव की अधिसूचना 20 अक्टूबर को जारी हो गई है। प्रदेश के दस राज्यसभा सदस्यों का कार्यकाल 25 नवंबर को खत्म हो रहा है। घोषित कार्यक्रम के अनुसार नामांकन 27 अक्टूबर तक भरे गए। 28 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच की होगी। 2 नवंबर तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। 9 नवंबर को सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक मतदान होगा। उसी दिन शाम 5 बजे से मतगणना होगी और परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे।