भोपाल
मध्य प्रदेश में इस रक्षा बंधन से पहले लाडली बहनों के साथ ही सरकारी कर्मचारियों को मोहन यादव सरकार तोहफे देने जा रही है। सरकारी कर्मचारियों द्वारा पिछले कुछ सालों से जो मांगे सरकार से की जा रही थी। अब उसे सरकार पूरा करने जा रही है, इससे 10 लाख से ज्यादा कर्मचारियों को लाभ मिलेगा।
अगस्त वादा पूरा
प्रदेश सरकार की ओर से कर्मचारियों को 3 अलग अलग किस्तों में एरियर दिए जाने का निर्देश भी दिया गया था। जिसे अब अगस्त के महीने में सरकार पूरा करने जा रही है। इन कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में सरकारी की ओर से इससे पहले इजाफा किया गया था। इन किस्तों को जुलाई से देने के निर्देश थे परन्तु ऐसा संभव नहीं हो पाया।
कर्मचारियो को 6 हजार 5 सौ तक का लाभ
अब अगस्त महीने में रक्षाबंधन से पहले बढ़ाए गए महंगाई भत्ते की किस्त सरकारी कर्मचारियों को दी जाएगी। महंगाई भत्ते में किए गए इजाफे से इन कर्मचारियों के मासिक वेतन में 6 हजार 5 सौ तक का लाभ मिल सकेगा। त्यौहार से पहले सरकार के इस निर्णय से कर्मचारियों के चेहरों पर मुस्कान आ रही है।
महंगाई भत्ते में 4 फीसदी का इजाफा
बता दें कि इससे पहले प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों को 42 फीसदी की दर से महंगाई भत्ता दिया जा रहा था। जिसमें 4 फीसदी का इजाफा किया गया, अब यह दर 46 फीसदी तक पहुंच गई है। जुलाई 2023 में बढ़ाए गए महंगाई दर का भुगतान कर्मचारियों को एक अप्रैल 2024 से करने का निर्णय लिया गया था। वित्त विभाग के द्वारा अब कर्मचारियों को इसका भुगतान किया जाना है।
इतने सालों के लिए कर्ज लेगी मोहन सरकार
जानकारी के मुताबिक मोहन सरकार दो अलग अलग कर्ज लेने जा रही है। पहला कर्ज 2500 करोड़ का होगा। जिसे सरकार को 11 साल के अंदर चुकाना होगा। तो वही दूसरा कर्ज भी 2500 करोड रुपए का होगा। जिसे मोहन सरकार को 21 सालों में चुका होगा। इस हिसाब से सरकार पर कुल 5000 करोड़ का कर्ज हो जाएगा। सुत्रों के अनुसार बांड गिरवी करके सरकार 6 तारीख को आरबीआई के जरिए ऑक्शन करवाएगी। इसके बाद आरबीआई के द्वारा 7 अगस्त को सरकार को कर्ज की रकम दी जाएगी।
नई सरकार का पहला ऋण नहीं
सीएम मोहन प्रदेश की कमान सँभालने के बाद कई बार कर्ज ले चुके है। आपको बता दें कि मध्यप्रदेश सरकार पर अबतक करीब साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये का कर्ज है। सरकार का सबसे ज्यादा पैसा सरकार की महत्वाकांक्षी योजना लाड़ली बहना योजना पर खर्च हो रहा है। सराकर इस योजना पर हर माह करीब 1500 करोड़ रूपये खर्च कर रही है। ये नई सरकार का पहला ऋण नहीं है। इसके पहले भी मोहन सरकार ने 2023-24 वित्त वर्ष में 55 हजार 708 रुपये का कर्ज लिया था। जिसे सरकार को साल 2039 तक चुकानी होगी।