इंदौर
नगर निगम सीमा में हुए प्रत्येक जन्म और मृत्यु का पंजीयन अनिवार्य है। यह बात ध्यान रखें कि अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु मुंबई में हुई है तो भले ही अंतिम संस्कार इंदौर में हुआ हो उस व्यक्ति का मृत्यु प्रमाण पत्र मुंबई से ही बनेगा। इसी तरह जहां जन्म हुआ है वहीं से जन्म प्रमाण पत्र बनेगा। एमवाय अस्पताल और पीसी सेठी अस्पताल जैसे बड़े अस्पतालों में जन्म प्रमाण अस्पताल से ही बन जाते हैं। जिन सरकारी और निजी अस्पतालों में यह सुविधा नहीं है वहां से ऑनलाइन रिकार्ड निगम भेजा जाता है। रिकार्ड की एक हार्ड कापी भी निगम को भेजना होती है। इन दस्तावेजों के सत्यापन के बाद नगर निगम जन्म प्रमाण पत्र जारी कर देता है। सामान्यत: इस प्रक्रिया में दो सप्ताह का समय लगता है।
जन्म या मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करते वक्त ही इस बात की जांच कर लेना चाहिए कि इसमें किसी तरह की कोई गलती तो नहीं है। जन्म प्रमाण पत्र में बच्चे का, माता-पिता का नाम इत्यादि जांच लें। गलती हो तो हाथों-हाथ सुधार के लिए आवेदन करें। अन्यथा आपको भविष्य में इसके लिए परेशान होना पड़ सकता है। जितनी जल्दी गलती सुधवा लेंगे, वह उतनी ही आसानी से सुधर जाएगी। पति के मृत्यु प्रमाण पत्र में पत्नी का नाम जरूर जांच लें। इसमें किसी तरह का अंतर होने पर पत्नी को क्लेम मिलने और अन्य जगह परेशान होना पड़ सकता है। यह बात नगर निगम के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी और जन्म-मृत्यु पंजीयन रजिस्ट्रार डा. अखिलेश उपाध्याय ने कहीं। उपाध्याय ने बताया कि बच्चे के जन्म के समय उसका कोई नाम नहीं होता है। अगर आप बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र में बच्चे का नाम जुड़वाना चाहते हैं तो आपको जोन कार्यालय पर संपर्क करना होगा। इसके अलावा आप 311 एप्लीकेशन पर भी आनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसी तरह अगर आप बच्चे के नाम में बदलाव चाहते हैं तो भी आपको निगम के समक्ष आवेदन करना होगा। जन्म प्रमाण पत्र में जन्म तारीख बदलने का कोई प्रविधान नहीं है।
यह भी जान लीजिये
अगर बच्चे का जन्म घर पर हुआ है तो ऐसी स्थिति में एक माह के भीतर नगर निगम को इसकी सूचना देकर प्रमाण पत्र बनवा लें।
एक माह बाद प्रमाण पत्र बनवाने पर आपको अतिरिक्त शुल्क देना होगा।
मुक्तिधाम पर मृतक का नाम, पता, पिता का नाम, पत्नी का नाम इत्यादि लिखवाते वक्त अतिरिक्त सतर्कता बरतें।
वो ही नाम लिखवाएं जो आधार कार्ड में हैं।
विवाहित पुरुष की मृत्यु होने पर उसका मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाते वक्त उसकी पत्नी का नाम लिखवाते वक्त अतिरिक्त सतर्कता बरतें।
मृतक की पत्नी का आधार कार्ड भी साथ लेकर जाएं।
अगर आप बच्चे का नाम बदलवाना चाहते हैं तो बच्चे के स्कूल में प्रवेश से पहले करवा लें।
बाद में आपको शपथ पत्र, माता-पिता के लिंक दस्तावेज इत्यादि प्रस्तुत करना पडेंगे।
दस्तावेजों से संतुष्ठ होने पर ही निगम नए नाम से जन्म प्रमाण पत्र जारी कर सकता है।