नई दिल्ली
6 अगस्त की रात विनेश फोगाट के गोल्ड मेडल का सपना लिए हर भारतीय सोया होगा, लेकिन 7 अगस्त की सुबह यह सपना चकनाचूर हो गया। पेरिस ओलंपिक गेम्स में महिलाओं के 50 किग्रा वर्ग में भारत की स्टार विनेश फोगाट ने फाइनल तक का सफर एक दिन में तय कर लिया। विनेश ने 6 अगस्त को खेले गए अपने तीनों मैच जीते और फाइनल में पहुंचकर भारत के लिए कम से कम सिल्वर मेडल पक्का कर लिया, लेकिन इसके अगले दिन उन्हें डिस्क्वॉलिफाई कर दिया गया। विनेश का वजन 100 से 150 ग्राम ज्यादा था, जिसके चलते उन्हें डिस्क्वॉलिफाई कर दिया गया और अब उन्हें कोई मेडल नहीं मिलेगा। दरअसल ओलंपिक में कुश्ती के नियम के मुताबिक दो दिन के अंदर मुकाबले होते हैं और दोनों दिन ही हिस्सा लेने वाले पहलवानों का वजन किया जाता है।
क्या कुछ किया वजन कम करने के लिए
विनेश का वजन कम करने के लिए उनके कोच और सपोर्ट स्टाफ ने सबकुछ कर लिया, लेकिन वह 100-150 से ओवरवेट आईं और डिस्क्वॉलिफाई हो गईं। विनेश के बाल काटे गए, उनका खून तक निकाला गया, जिससे उनका वजन कुछ कम हो जाए। विनेश को फिलहाल हॉस्पिटल में एडमिट किया गया है। रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष संजय सिंह ने बताया कि विनेश को डिहाइड्रेशन के चलते हॉस्पिटल में एडमिट किया गया है।
पहले दिन विनेश का वजन था निर्धारित लिमिट के अंदर
विनेश ने जिस तरह से प्री क्वार्टर फाइनल, क्वार्टर फाइनल और सेमीफाइनल मैच जीते, उसे देखकर ऐसा लगा था कि वो इस बार गोल्ड मेडल लेकर ही आएंगी। खबरों की माने तो फाइनल से एक रात पहले विनेश का वजन करीब दो किलोग्राम ज्यादा था, जिसके बाद कोच और सपोर्ट स्टाफ ने मिलकर उनका वजन कम करने के लिए हर संभव कोशिश की। नियमों के दायरे में रहते हुए उनका खून भी निकाला गया और बाल भी काटे गए, लेकिन इन सब के बावजूद 100-150 ग्राम एक्स्ट्रा वजन ने उनका मेडल जीतने का सपना तोड़ दिया।