ढाका
भारत ने बांग्लादेश में चल रही हिंसा को देखते हुए ढाका स्थित अपने दूतावास के स्टाफ को कम कर दिया है। सूत्रों के अनुसार कई ऐसे कर्मचारियों को वापस बुलाया जा रहा है, जो बहुत जरूरी कामकाज में संलग्न नहीं थे। ये लोग अपने परिवारों के साथ वापस आ रहे हैं। हालांकि बांग्लादेश में मौजूद भारत के सभी कौंसुलेट्स में सामान्य कामकाज जारी रहेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि फिलहाल बांग्लादेश में करीब 12000 भारतीय मौजूद हैं। उनसे दूतावास संपर्क में है और किसी भी तरह की मदद की जरूरत पड़ने पर उन तक सहायता पहुंचाई जा रही है।
सूत्रों का कहना है कि बांग्लादेश स्थित दूतावास और अन्य कौंसुलेट्स में जरूरी स्टाफ मौजूद रहेगा। वहां कामकाज सामान्य तरीके से चलता रहेगा। सिर्फ उस स्टाफ को हटाया गया है, जो बहुत जरूरी नहीं थे। बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार का तख्तापलट हुआ है और उन्होंने सोमवार को अपना देश छोड़कर भारत में शरण ले ली थी। उन्हें ऐसा करने के लिए भी सेना की ओर से महज 45 मिनट का वक्त ही मिला था। शेख हसीना के पलायन करने के बाद से बांग्लादेश में हालात बेहद खराब हैं और हिंसा का दौर लगातार जारी है। अब तक ढाका समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में उपद्रवियों के हाथों 440 लोग मारे जा चुके हैं।
हिंसा में बड़े पैमाने पर हिंदुओं को भी टारगेट किया गया है। मेहरपुर के मशहूर इस्कॉन मंदिर में मूर्तियों तक को तोड़ दिया गया और स्टाफ ने जैसे-तैसे खुद को बचाया। दो हिंदू पार्षदों का कत्ल हो चुका है। अब तक मिली जानकारी के अनुसार कुल 27 जिलों में हिंदुओं पर हमले हुए हैं। ऐसे हालातों में बांग्लादेश में रह रहे भारतीयों को भी चिंता हो रही है। कुल 20 हजार भारतीय बांग्लादेश में थे, जिनमें से 8000 लोगों के आने की खबर है। अब भी 12 हजार भारतीय वहां हैं। ऐसे में उनसे संपर्क करने के लिए दूतावासों में नियमित कामकाज जारी है। फिर भी गैर-जरूरी स्टाफ को कम किया गया है।