इंदौर
मध्य प्रदेश के इंदौर में नगर निगम के करोड़ों के घोटाले के खिलाफ कांग्रेस के प्रदर्शन में एक बड़ा खुलासा हुआ है। कांग्रेस महासचिव राकेश सिंह यादव ने एसीपी विनोद दीक्षित पर पीसीसी अध्यक्ष जीतू पटवारी की हत्या का षड्यंत्र रचने का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के विशाल प्रदर्शन के दौरान, पुलिस द्वारा लाठीचार्ज में पीसीसी अध्यक्ष जीतू पटवारी को निशाना बनाकर हमला किया गया।
कांग्रेस महासचिव का दावा है कि एसीपी विनोद दीक्षित ने यह षड्यंत्र रचा और पुलिस नियमों की अवहेलना करते हुए पटवारी पर जानलेवा हमला करवाया। राकेश सिंह यादव ने फोटोग्राफ और वीडियो ट्वीट करते हुए बताया कि एक पुलिसकर्मी ने बेरिकेड्स के पीछे से धोखे से पटवारी के सर पर लगातार 10 से 15 वार किए।
SP ने हमले का आदेश दिया- राकेश सिंह यादव
राकेश सिंह यादव ने यह भी आरोप लगाया कि एसीपी दीक्षित ने इस हमले का आदेश दिया था। “यह सारा घटनाक्रम एक सोची-समझी साजिश के तहत हुआ है। एसीपी विनोद दीक्षित ने सुपारी किलर जैसा काम किया है। हम मांग करते हैं कि उनके खिलाफ हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया जाए।
कांग्रेस ने की कार्रवाई की मांग
इस पूरे मामले में मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी शहर अध्यक्ष सुरजीत चड्डा, नगर निगम नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने पुलिस आयुक्त के नाम ज्ञापन सौंप कर इस पूरे मामले में हत्या की साजिश का आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग की हैं। ज्ञापन के अंदर कांग्रेसियों ने लिखा है यह ज्ञापन पूरी तरह शांतिपूर्ण तरीके से दिया जाना था। पहले से ही या घोषणा कर दी गई थी कि हम संभाग आयुक्त को ज्ञापन सौंपेंगे संभाग आयोग के प्रतिनिधि के रूप में एडीएम मौके पर आए, लेकिन उनके द्वारा आने में विलंब किया गया। ऐसी स्थिति में कार्यकर्ता अंदर ज्ञापन देने के लिए जाने की कोशिश कर रहे थे इस पूरे राजनीतिक आंदोलन में पुलिस के द्वारा अति गंभीर भूमिका का निर्माण किया गया हैं।
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पुलिस की ओर से दंगाइयों पर उपयोग की जाने वाले वज्र से कांग्रेसियों पर वाटर कैनन चलाई गई। इसके साथ ही पुलिस ने लाठीचार्ज का आदेश देकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे नागरिकों को लाठी से पीटा। इसी दौरान कुछ पुलिसकर्मियों के द्वारा मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी को घेर कर उन पर लाठियां बरसाना शुरू कर दी। इसी दौरान पटवारी के सिर पर भी लाठी से प्रहार किया गया। इसके साथ ही कांग्रेस के कुछ पार्षदों और मीडिया कर्मियों को भी निशाना बनाया गया। फिलहाल इस पूरे मामले में आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग कांग्रेस द्वारा की गई हैं।