भोपाल
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला ने बताया है कि भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के अधीन एक मिनी रत्न अनुसूची ‘ए’ सीपीएसयू एसजेवीएन लिमिटेड ने अपनी 90 मेगावाट ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर परियोजना का सफलतापूर्वक कमीशन कर दिया है। परियोजना का निष्पादन एसजेवीएन की पूर्ण स्वामित्व वाली अधीनस्थ कंपनी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एसजीईएल) द्वारा किया गया है। परियोजना के कमीशन होने पर एसजेवीएन की कुल स्थापित क्षमता बढ़कर 2466.50 मेगावाट हो गई है।
परियोजना 646 करोड़ रूपये की लागत से की गई है विकसित
देश का सबसे बड़ा है सोलर पार्क
ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर परियोजना 90 मेगावाट क्षमता की है। यह भारत का सबसे बड़ा सोलर पार्क है। परियोजना मध्य एवं उत्तर भारत की सबसे बड़ी फ्लोटिंग सोलर परियोजनाओं में से एक है। परियोजना के कमीशन होने के साथ ही कंपनी ने फ्लोटिंग सोलर पावर सेगमेंट में प्रवेश कर लिया है।
मंत्री शुक्ला ने बताया कि परियोजना को 646.20 करोड़ रुपए की लागत से विकसित किया गया है और इससे प्रथम वर्ष में 196.5 मिलियन यूनिट विदयुत उत्पादन होने की संभावना है। 25 वर्षों की अवधि में अनुमानित संचयी विदयुत उत्पादन 4629.3 मिलियन यूनिट होगा। परियोजना से एसजेवीएन के राजस्व में 64 करोड़ रुपए की वृद्धि होगी। कमीशन होने पर यह परियोजना 2.3 लाख टन कार्बन उत्सर्जन को कम करेगी और वर्ष 2070 तक भारत सरकार के शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन मिशन में महत्वपूर्ण योगदान देगी। उक्त परियोजना जल वाष्पीकरण को कम करके जल संरक्षण में भी सहायक होगी।
25 वर्षों के लिए हुआ है एमओयू
मंत्री शुक्ला ने बताया कि इस परियोजना को बिल्ड ओन एंड ऑपरेट के आधार पर प्रतिस्पर्धी टैरिफ बोली के माध्यम से 3.26 रुपए प्रति यूनिट की दर पर हासिल किया गया है। बोली को आरईडब्यूगीन ए अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड (आरयूएमएसएल) द्वारा आयोजित किया गया था। एसजीईएल और आरयूएमएसएल एवं एमपीपीएमसीएल के मध्य 25 वर्षों की अवधि के लिए विदयुत क्रय करार किया गया है।
परियोजना पोर्टफोलियो 56802.40 मेगावाट है
मंत्री शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में, एसजेवीएन का कुल परियोजना पोर्टफोलियो 56802.40 मेगावाट है और कंपनी जलविद्युत, पंप स्टोरेज, थर्मल और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में परियोजनाओं का निष्पादन कर रही है।