नई दिल्ली
देश में इन दिनों मानसून पूरी तरह से सक्रिय हो गया है। कई राज्यों में जोरदार बारिश देखी जा रही है तो कहीं जनजीवन प्रभावित हुआ है। उत्तर भारत में बारिश का क्रम जारी है। मध्य और दक्षिण पश्चिमी राज्यों में अभी मौसम और बिगड़ सकता है। मौसम के जानकारों का अनुमान है कि कई राज्यों में तेज बारिश हो सकती है। अगले 24 घंटों के दौरान, पंजाब, हरियाणा, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, पूर्वी राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। यहां पढ़ें पूरी डिटेल।
अगले 24 घंटों में यहां भारी बारिश का अनुमान
अगले 24 घंटों के दौरान, पंजाब, हरियाणा, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, पूर्वी राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों, पूर्वी असम और अरुणाचल प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है।
पूर्वोत्तर भारत, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, तटीय कर्नाटक, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, तमिलनाडु के कुछ हिस्सों, लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, पूर्वी गुजरात, कोंकण और गोवा, तेलंगाना के कुछ हिस्सों और विदर्भ में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।
पश्चिमी राजस्थान, सौराष्ट्र और कच्छ, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, उत्तरी आंतरिक कर्नाटक और तटीय आंध्र प्रदेश में हल्की बारिश संभव है।
पिछले 24 घंटों में मौसम की गतिविधि
पिछले 24 घंटों के दौरान, उत्तरी पंजाब, उत्तर प्रदेश, दक्षिण-पूर्वी राजस्थान, अरुणाचल प्रदेश, तमिलनाडु, गोवा और मध्य महाराष्ट्र में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हुई।
उत्तर पूर्व भारत, सिक्किम, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों, कोंकण और गोवा, तटीय कर्नाटक, तेलंगाना, लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दिल्ली, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश हुई।
जम्मू कश्मीर, लद्दाख, पश्चिमी राजस्थान, गुजरात, विदर्भ, मराठवाड़ा, आंतरिक कर्नाटक और तटीय आंध्र प्रदेश में हल्की बारिश हुई।
मानसून का मौजूदा सिस्टम
पूर्वोत्तर राजस्थान और आसपास के इलाकों में चक्रवाती परिसंचरण समुद्र तल से 5.8 किलोमीटर ऊपर तक फैला हुआ है, जो दक्षिण-पश्चिम की ओर झुका हुआ है और ऊंचाई पर बना हुआ है।
समुद्र तल से मानसून की द्रोणिका अब फिरोजपुर, हिसार, ओराई, वाराणसी, जमशेदपुर, दीघा से होकर गुजर रही है और फिर पूर्व-दक्षिण-पूर्व की ओर बंगाल की उत्तर-पूर्व खाड़ी तक जा रही है।
उत्तर-पूर्व असम में समुद्र तल से 1.5 किलोमीटर ऊपर तक फैला हुआ चक्रवाती प्रभाव बना हुआ है।
दक्षिण झारखंड और आसपास के इलाकों में समुद्र तल से 5.8 से 7.6 किलोमीटर ऊपर तक चक्रवाती परिसंचरण दक्षिण की ओर झुका हुआ है और ऊंचाई पर बना हुआ है।