भोपाल
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में रहीं। यहां वह इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (IISER) के 11वें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुईं। स्टूडेंट्स को बेहतर एजुकेशन और राष्ट्र निर्माण के लिए प्रेरित किया। साथ ही 442 शोधार्थियों को डिग्री आवंटित किया।
दीक्षांत समारोह की खास बात ये रही की छात्र-छात्राओं और शिक्षकों के लिए भारतीय परिधान कुर्ता पैजामा, साड़ी और सलवार सूट को डिग्री लेने के लिए अनिवार्य किया गया था। संस्थान के सभी छात्र-छात्राओं के अलावा अन्य स्टाफ आज भारतीय परिधान में आईसर आए।
केंद्रीय वित्त के संबोधन के मुख्य बिंदु
भारत में चीन के विद्यार्थी पढ़ने आ रहे हैं। इस संस्थान ने 8 पेटेंट रजिस्टर्ड कराए हैं। ये जानकर मुझे आश्चर्य हुआ। समाज को आपके ज्ञान का फायदा तब मिलेगा जब आप मिले हुए ज्ञान को समाज में बांटेंगे।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए डिग्री हासिल करने वाले छात्रों, शोधार्थियों को भविष्य की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि इस संस्थान में बहुत से छात्र केरल और बंगाल के हैं।
सीएम ने कहा- हमारी भूमिका महत्वपूर्ण होने वाली है
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम मोहन यादव ने कहा- हम सब जानते हैं नॉलेज के आधार पर हमारी भूमिका महत्वपूर्ण होने वाली है। इलेक्ट्रिकल समय आया है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश एकमात्र राज्य है जिसमें तीन ट्रिपल आईटी है। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में प्राइवेट भागीदारी लगातार बढ़ रही है। प्रदेश में 6 ग्लोबल स्किल पार्क की स्थापना कर रहे हैं। पीएम एक्सीलेंस कॉलेज की स्थापना की है। बच्चों में विज्ञान के कारण के नवीन कार्यक्रम का शुभारंभ किया है। आईआईटी इंदौर के माध्यम से इंजीनियरिंग सैटेलाइट कैंपस की नई स्थापना की है।
CM मोहन यादव बोले-
दीक्षांत समारोह में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव भी शामिल हुए। उन्होंने कहा, हम सब जानते हैं कि ज्ञान के आधार पर हमारी भूमिका अहम होने वाली है। इलेक्ट्रिकल समय आया है। मध्यप्रदेश एकमात्र राज्य है, जहां तीन ट्रिपल आईटी हैं। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में निजी भागीदारी लगातार बढ़ रही है।
मप्र में हम 6 ग्लोबल स्किल पार्क स्थापित करने जा रहे हैं। सभी जिलों में एक्सीलेंस कॉलेज खोले हैं। बच्चों में विज्ञान लिए नवीन कार्यक्रम शुरू किए हैं। आईआईटी इंदौर की मदद से इंजीनियरिंग सैटेलाइट कैंपस की स्थापना की है।
IISER के डायरेक्टर प्रोफेसर गोवर्धन दास ने संस्थान की प्रोग्रेस रिपोर्ट पेश की। दास ने कहा संस्थान में 37% फीमेल स्टूडेंट्स हैं। संस्थान के 3 हजार से ज्यादा रिसर्च पेपर पब्लिश हुए हैं। समारोह में भोपाल सांसद आलोक शर्मा ने कहा आज का दिन ऐतिहासिक बनने जा रहा है। निर्मला सीतारमण के हाथों उपाधि दी जा रही है। सब संकल्प लें कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत से विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने में अपना योगदान देंगे।