इंदौर
प्रदेश में संपत्तियों की खरीदी-बिक्री से सर्वाधिक राजस्व इंदौर से प्राप्त होता है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के पहले 4 माह अप्रैल से जुलाई तक इंदौर में विगत वित्तीय वर्ष की अपेक्षा 8.86 प्रतिशत अधिक संपत्तियां बिकी है। 31 जुलाई तक जिले में 57498 दस्तावेज पंजीकृत किए गए और 724.73 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्त हुआ। अगस्त माह में 12 तारीख तक 6124 दस्तावेज और 12.92 करोड़ राजस्व प्राप्त हो चुका है।
इंदौर जिले में संपत्तियों की खरीदी-बिक्री की उंची छलांग लगातार जारी है। इस वित्तीय वर्ष के 4 माह में जिले में 57498 दस्तावेज पंजीकृत हुए है, जो विगत वर्ष से 8.86 प्रतिशत अधिक है। विगत वर्ष इस दौरान 52816 दस्तावेज पंजीकृत हुए थे। इस बार 4682 दस्तावेज अधिक पंजीकृत हो चुके है।
राजस्व भी विगत वर्ष की अपेक्षा इस वित्तीय वर्ष में 64.37 करोड़ अधिक राजस्व मिला है। इस वित्तीय वर्ष में 724.73 करोड़ और विगत वित्तीय वर्ष में 660.37 करोड़ राजस्व आया था। वरिष्ठ पंजीयक दीपक शर्मा का कहना है कि जिले में लगातार संपत्तियों के दस्तावेज पंजीकृत हो रहे है। शहर के बाहरी क्षेत्रों में अधिक दस्तावेज पंजीकृत हो रहे है।
जिले को 3077 करोड़ का लक्ष्य
पंजीयन विभाग ने इंदौर जिले को वित्तीय वर्ष 2024-25 में 3077 करोड़ का राजस्व लक्ष्य दिया है। वार्षिक लक्ष्य का 23 प्रतिशत राजस्व इंदौर जिले ने अर्जित कर लिया है। इस बार गाइडलाइन दरों में बढ़ोतरी के बाद भी बड़ी संख्या में दस्तावेज पंजीकृत हो रहे है।जिले में 5100 से अधिक लोकेशन पर दस्तावेज पंजीकृत हो रहे है।
जुलाई में 202 करोड राजस्व
इंदौर जिले में जुलाई माह में 16457 संपत्तियों के दस्तावेज पंजीयन कार्यालय में पंजीकृत हुए है, जबकि विगत वित्तीय वर्ष के जुलाई माह में 14287 दस्तावेज पंजीकृत हुए थे।इस माह 2170 संपत्तियां अधिक बिकी। बात राजस्व की करें तो इसमें भी विगत वित्तीय वर्ष जुलाई माह की अपेक्षा 36.24 करोड़ रुपये अधिक राजस्व प्राप्त हुआ है।जुलाई माह में इस बार 202.81 करोड़ राजस्व प्राप्त हुआ।