नासिक
अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी गुरुवार को महाराष्ट्र के नासिक में शिर्डी के साईं बाबा के दरबार में पहुंचे। उन्होंने साईं बाबा के चरणों में सर रखकर नमन किया और सफेद चादर चढ़ाई।इसके पहले वहां पहुंचे गौतम अदाणी का साईं संस्थान के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोरक्ष गाडीलकर ने स्वागत किया। इस दौरान भाजपा के पूर्व सांसद सुजय विखे भी मौजूद रहे।
इससे पहले 24 जून को देश के इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में सबसे आगे अदाणी समूह की सभी सूचीबद्ध कंपनियों की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) आयोजित की गयी थी। सप्ताह की शुरुआत में गौतम अदाणी ने अपने 6.7 मिलियन शेयरधारकों से बात की थी।
भारत की सबसे बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी के पहली पीढ़ी के उद्यमी गौतम अदाणी ने अपने संबोधन में तीन महत्वपूर्ण विषयों पर प्रकाश डाला। बाहरी चुनौतियों पर काबू पाने में समूह की क्षमता, वैश्विक मंच पर भारत का उत्थान, और समूह के लिए भविष्य के अवसर और 11 सूचीबद्ध कंपनियों में 6.7 मिलियन शेयरधारकों का व्यापक शेयरधारक आधार।
गुजरात के रेगिस्तान में पले-बढ़े मृदुभाषी गौतम अदाणी ने अपनी मां द्वारा सिखाए गए मूल्यों को रेखांकित करते हुए कहा, "हमारी सफलता का सही पैमाना हमारी उपलब्धियों के बारे में कम और प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करने की हमारी क्षमता में अधिक है। यह सबक मैंने अपनी मां से सीखा। बनासकांठा के कठोर रेगिस्तान में अपने पलने-बढ़ने के दौरान मैंने मां से सीखा कि सच्ची ताकत दृढ़ता में निहित है।"
उन्होंने कहा, "इसी दृढ़ता ने हमें देश की सर्वश्रेष्ठ कंपनियों में से एक बनाने की ताकत दी। खुद पर अभूतपूर्व हमलों का सामना करते हुए हमने अपनी क्षमता को साबित किया।" उन्होंने समूह की वापसी का श्रेय साहस, विश्वास और प्रतिबद्धता के अपने मूल मूल्यों को दिया।
दुनिया में बढ़ते भारत के प्रभाव और जलवायु परिवर्तन के समाधान में समूह की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालते हुए गौतम अदाणी ने कहा, "दुनिया भारत के उदय को देख रही है। यह भारत का समय है। हम अब इस जटिल दुनिया में स्थिरता, सहयोग और प्रगति के लिए ताकत हैं। यह भारत की व्यापक आर्थिक स्थिरता और महत्वाकांक्षी विकास योजनाएं हैं, जो हमारे आत्मविश्वास को प्रेरित करती हैं।"