केदारनाथ
करीब एक पखवाड़े पहले अतिवृष्टि के कारण कई जगह क्षतिग्रस्त हो गए केदारनाथ पैदल मार्ग को दुरुस्त कर लिया गया है और इस पर यात्रा कर उत्तर प्रदेश, हरियाणा और गुजरात के कुछ श्रद्धालु शुक्रवार को केदारनाथ धाम पहुंचे। अधिकारियों ने बताया कि आपदा से क्षतिग्रस्त 19 किलोमीटर पैदल मार्ग को बहाल करने में 260 मजदूरों ने दिन-रात कड़ी मेहनत की। इकत्तीस जुलाई की रात को अतिवृष्टि और बादल फटने के कारण केदारनाथ पैदल मार्ग पर जगह-जगह भूस्खलन हुआ था जिसके कारण 29 जगहों पर मार्ग ध्वस्त हो गया था। दो स्थानों पर सड़कें भी बह गयी थीं।
हालांकि, इसके बाद पैदल मार्ग पर जगह-जगह फंसे श्रद्धालुओं को बाहर निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना पहली प्राथमिकता थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की निगरानी और रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी सौरभ गहरवार के नेतृत्व में चले हवाई और जमीनी बचाव अभियानों में 15000 से अधिक श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को बाहर निकाला गया। इसके बाद केदारनाथ पैदल मार्ग को दुरूस्त करना चुनौती थी और इस पर भी रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने जल्द ही पार पा लिया और श्रद्धालुओं की आवाजाही शुरू कर दी गई। केदारनाथ धाम के लिए हवाई सेवा पिछले सप्ताह ही शुरू हो गयी थी।
अधिकारियों ने बताया कि 19 किलोमीटर पैदल मार्ग 29 जगहों पर क्षतिग्रस्त हो गया था जिस पर तेजी से काम करते हुए ज्यादातर स्थानों पर दुरूस्त कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि अब एक या दो जगहों पर ही परेशानी बनी हुई है जहां पर सुरक्षाकर्मी तीर्थ यात्रियों को रास्ता पार करवा रहे हैं। पैदल चलकर धाम पहुंच रहे देश के विभिन्न राज्यों के श्रद्धालुओं में भी खुशी देखने को मिल रही है और अब तक 10 लाख 93 हजार 632 श्रद्धालु बाबा केदारनाथ के दर्शन कर चुके हैं।
इन दिनों प्रतिदिन 150-200 श्रद्धालु केदारनाथ धाम पहुंच रहे हैं। इसके अलावा, सोनप्रयाग-गौरीकुंड राजमार्ग को भी दुरुस्त करने का काम तेजी से चल रहा है और उम्मीद है कि यहां भी जल्द ही वाहनों की आवाजाही शुरू हो जाएगी। प्रदेश के चारधाम यात्रा सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने भी शुक्रवार को राजमार्ग का निरीक्षण किया तथा अधिकारियों को तेजी से काम करने के निर्देश दिए।