इंदौर
एक साल पहले इंदौर में आयोजित इंडिया स्मार्ट सिटी कान्क्लेव-2023 के आयोजन पर इंदौर स्मार्ट सिटी कंपनी ने 37.40 करोड़ रुपये खर्च किए थे। इस खर्च की भरपाई के रूप में देश की 100 स्मार्ट सिटी में प्रत्येक को अपने हिस्से की 37.40 लाख रुपये की राशि देना तय हुआ था। आयोजन को हुए एक साल बीतने जा रहा है, लेकिन अभी तक देश की 75 स्मार्ट सिटी ही अपने अंशदान की राशि इंदौर स्मार्ट सिटी कंपनी को दे पाई हैं। कंपनी अब देश के 25 स्मार्ट सिटी से आयोजन पर हुए खर्च की राशि वसूलने के लिए तगादा कर रही है। बकायादार स्मार्ट सिटी में मध्य प्रदेश का एकमात्र उज्जैन शहर ही है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ में रायपुर और बिलासपुर, उत्तर प्रदेश के दो, आंध्र प्रदेश के दो, तमिलनाडु के तीन सहित 25 शहर शामिल हैं।
कान्क्लेव में राष्ट्रपति भी हुई थीं शामिल
इंडिया स्मार्ट सिटी कान्क्लेव इंदौर में पिछले वर्ष 26-27 सितंबर को आयोजित हुआ था। इसमें देश के 100 स्मार्ट सिटी के प्रतिनिधि सहित करीब चार हजार से ज्यादा लोग शामिल हुए थे। इस आयोजन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु मुख्य अतिथि थीं और उन्होंने इंडिया स्मार्ट सिटी अवार्ड प्रतियोगिता-2022 के विजेता शहरों को पुरस्कार दिया था। इसमें इंदौर को बेस्ट स्मार्ट सिटी और मध्य प्रदेश को बेस्ट राज्य का पुरस्कार मिला था।
पहले केंद्र सरकार करती थी खर्च, इस बार सभी स्मार्ट सिटी से वसूल रहे
विगत वर्षों में स्मार्ट सिटी कान्क्लेव के खर्च के लिए राशि केंद्र सरकार देती थी। सितंबर में इंदौर में स्मार्ट सिटी कान्क्लेव के खर्च के लिए यह तय हुआ था कि इस आयोजन में शामिल सभी 100 स्मार्ट सिटी इसके खर्च को आपस में बराबर बांटेंगी। सितंबर में हुए आयोजन पर इंदौर स्मार्ट सिटी कंपनी ने मेहमानों को रुकवाने व आयोजन संबंधित सारे इंतजामों पर 37.40 करोड़ रुपये अपने मद से खर्च किए। आयोजन के पश्चात खर्चों का आकलन कर मई में इंदौर स्मार्ट सिटी कंपनी ने केंद्रीय आवासन व गृह मंत्रालय के स्मार्ट सिटी मिशन को रिपोर्ट दी थी। 24 मई को स्मार्ट सिटी मिशन ने देश की सभी 100 स्मार्ट सिटी को अपने हिस्से की राशि देने के लिए पत्र लिखा।