क्या आपको पता है कि शरीर में पानी की कमी हार्ट प्रॉब्लम का कारण बन सकती है? डिहाइड्रेशन का बुरा प्रभाव केवल स्किन या बॉडी डिटॉक्सिफिकेशन पर ही नहीं पड़ता है, जिसमें आपका दिल भी शामिल है।
कम पानी पीने की आदत आपके शरीर पर कई नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है, जिसके कारण कई हार्ट प्रॉब्लम का खतरा बढ़ जाता है।
पानी की कमी का सीधा असर दिल के स्वास्थ्य पर पड़ सकता है, क्योंकि डीहायड्रेशन का शरीर के अंगों और शरीर की कार्य प्रणाली दोनों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। जिसमें हार्ट और उसका कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम शामिल हैं। आइए इस आर्टिकल में जानते हैं कि पानी की कमी से हार्ट क्यों प्रभावित होता है।
अनियमित हार्ट बीट
शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स का संतुलन बनाए रखने के लिए पर्याप्त पानी पीना जरूरी है। जब शरीर में पानी की कमी होती है, तो इलेक्ट्रोलाइट्स का असंतुलन हो सकता है, जिसका प्रभाव दिल की धड़कन भी पड़ता है।
ब्लड फ्लो कम होने लगता है
पानी की कमी से रक्त गाढ़ा हो सकता है, जिससे शरीर में ब्लड का फ्लो धीमा हो जाता है। गाढ़े रक्त को पंप करने के लिए दिल पर अधिक प्रेशर पड़ता है। यह स्थिति हाई ब्लड प्रेशर और दिल की अन्य समस्याओं का कारण बन सकती है।
शरीर का तापमान असंतुलित होता है
पानी शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में मदद करता है। पानी की कमी से शरीर के तापमान में असंतुलन हो सकता है, जिस कारण हार्ट पर दबाव भी बढ़ता है, खासकर गर्मी के मौसम में।
किडनी और हार्ट का आपस में संबंध
पानी की कमी का बुरा प्रभाव किडनी पर भी पड़ता है और किडनी की समस्याएं भी दिल पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं, क्योंकि दोनों अंग एक दूसरे से जुड़े हुए हैं।
मेटाबॉलिज्म पर प्रभाव
पानी की कमी से मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाता है, जिससे शरीर में फैट और टॉक्सिन्स का के बढ़ने का खतरा बढ़ सकता है। यह दिल की धमनियों में प्लाक की संभावना को बढ़ा सकता है