पुलिस की शुरूआती जांच में पता चला है कि ये राशि हरियाणा के हिसार में किसी एटीएम से निकाली गई है.
हिमाचल में बढ़ते साइबर क्राइम की खबरों के बीच एक और मामला राजधानी शिमला में सामने आया है. चौकीदारी की नौकरी करने वाले एक व्यक्ति के बैंक खाते से ऑनलाइन (Online) बैठे शातिरों ने 1 लाख 7 हजार रुपये उड़ा लिए. पुलिस की शुरूआती जांच में पता चला है कि ये एटीएम (ATM) क्लोनिंग का मामला है. पुलिस की शुरूआती जांच में पता चला है कि ये राशि हरियाणा के हिसार में किसी एटीएम से निकाली गई है.
खाते से जुड़ी कोई जानकारी नहीं दी फिर भी उड़े पैसे
एडिश्नल एसपी प्रवीर ठाकुर ने बताया कि पंजाब सरकार के गेस्ट हाउस में तैनात एक कर्मचारी ने छोटा शिमला थाने में शिकायत दर्ज करवाई है. पीड़ित कीशिकायत के मुताबिक, उसके खाते से 16 से 31 अक्तूबर के बीच रकम निकाली गई है. खाताधारक ने किसी से भी बैंक अकाउंट,एटीएम पिन या ओटीपी जैसी जानकारी साझा नहीं कि लेकिन फिर भी उसके खाते से पैसा निकाला गया. पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने आईपीसी की धारा 420 के तहत मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है. पीड़ित से जानकारी और शुरूआती जांच से ये पता चला है कि ये एटीएम क्लोनिंग का ही मामला है. इससे पहले भी प्रदेश में इस तरह के कई मामले सामने आए हैं. पुलिस शातिरों को पकड़ने में जुट गई है.
कई तरीके हैं एटीएम क्लोनिंग के
तकनीक के विकास के साथ साथ शातिरों के ठगी के तरीके भी बदल रहे हैं. साइबर थाना के मुताबिक एटीएम क्लोनिंग के कई तरीके हैं. एक नई मशीन शातिरों के हाथ लगी है, उसका नाम है वाई-फाई Scammer. इस मशीन में वाई-फाई लगा होता है जो जीएसएम माड्यूल रिसीवर है. इसका सॉफ्टवेयर किसी भी टर्मिनल या पीओएस मशीन से जुड़ा होता है. शातिर एटीएम से दूर खड़े रहकर इस मशीन का इस्तेमाल एक एक्स रे मशीन की तरह करता है और एटीएम को स्कैन कर लेता है,जिससे उसके लैपटॉप या अन्य डिवाइस पर उस एटीएम का पिन नंबर सहित अन्य जानकारी लेता है. इसके बाद एक एटीएम बनाकर बैंक खाते से पैसे उड़ा लेता है.100 मीटर दूरी से भी ये मशीन काम करती है, हालांकि हिमाचल इस मशीन के इस्तेमाल की पुख्ता जानकारी नहीं है. अन्य तरीकों की बात करें तो डिजिटल तकनीक के माध्यम से एटीएम मशीनों में लोगों के एडीएम कार्ड कॉपी किए जाते और गुप्त कैमरे से पासवर्ड चुराया जाता है. कई जगह पर एटीएम क्लोन करने के लिए कार्ड रीडर का भी इस्तेमाल किया जाता है, जिसे स्वैप करने वाले स्थान पर लगाया जाता है.