मध्यप्रदेश

सरपंच और सप्लायर की मिली भगत से बिना मटेरियल खरीदे 1,46000 का फर्जी बिल लगा, लिया भुगतान

डिंडौरी
 जिला मुख्यालय से महज 13कि मी दूर ग्राम ग्राम पंचायत कुकर्रामठ में सरपंच और सप्लायर के मिली भगत की चर्चाएं सुर्खियों में है।जिससे यह तो कहा जा सकता है की ग्राम के जिम्मेदार प्रतिनिधि जिससे लोगो की आस्था होती है की हमारे ग्राम पंचायत में अब विकास का कार्य होगा यह सोचकर उन्हें ग्राम का प्रधान बनाया जाता है किंतु उनके द्वारा चंद रूपये की लालच में इतना गिर जाते है की ग्राम विकास की राशि जो शासन प्रशासन से पंचायत में आती है.

उसे अपने चहेते सप्लायर या ठेकेदारों से मिली भगत कर उस राशि का आहरण कर विकास की गति को रोककर दुरुपयोग कर अपना पल्ला झाड़ वर्तमान शासन धारियों पर सवाल खड़ा करते है की इनके राज में हमारे था कोई भी विकास कार्य नही हुआ जो की बहुत बड़ा सवाल खड़ा करता हैवैसे तो जिम्मेदार अधिकारियों जनप्रतिनिधियों के अपने चहेते ठेकेदारों, सप्लायरों को आर्थिक लाभ पहुंचाएं जाने के मामले आए दिन सामने आते ही रहते हैं फिर चाहे भ्रष्टाचार की कोई भी हद पार करनी ही क्यों ना पड़ जाए यह हम नहीं जिलेभर के पंचायत से आ रहे एक से बढ़कर एक मामले खुद ही बयां करते हैं

कहीं सरपंच पति खुद ही ठेकेदार है तो कहीं मटेरियल सप्लायर कहीं महिला सरपंच है तो सरपंच पति के द्वारा स्वयं  को ही अपने आप को सरपंच कहे जाते देखा जा सकता है ,इतना ही नहीं कई ऐसे पंचायत भी हैं, जहां सरपंचों को कोई जानकारी भी नहीं होता है और सरपंच पति के द्वारा फर्जी हस्ताक्षर करने के साथ-साथ मनमानी पूर्वक राशि का आहरण भी कर लिया जाता है, जिस पर सरपंच से जानकारी लेने पर कहा जाता है कि उनको इस मामले की कोई जानकारी नहीं है इस बारे में उनके पति से ही जानकारी दिया जाए यह कोई एक पंचायत की बात नहीं है अधिकांश पंचायत में यही मामले सामने आते हैं

अब सवाल यह उठता है कि जिन प्रतिनिधियों को जिम्मेदारी दी गई है, उनके द्वारा कार्य नहीं किया जाएगा और जनप्रतिनिधियों के पति या कोई अन्य नजदीकी रिश्तेदार उनका कार्य करेगा तो शासन की मनसा जो की ग्रामीणों की हो सर्वांगीण विकास कैसे साकार होगा। ऐसा ही मामला हाल ही में ग्राम पंचायत कुकर्रामठ का सामने आया हैं जहां सरपंच एवं सचिव के द्वारा मिली भगत कर सरपंच के नजदीकी रिश्तेदार को फर्जी बिल के जरिए 1,46000 की राशि का भुगतान कर दिया गया जबकि ना ही कोई मटेरियल की खरीदी की गई है और ना ही मौके पर किसी प्रकार का कोई कार्य कराया गया।

ग्राम पंचायत के ग्रामीणों सहित उपसरपंच का कहना है कि सरपंच जो की कुकर्रामठ ग्राम पंचायत से लगे ग्राम पंचायत बुड़रूखी का मूल निवासी है जिसको कूटरचित तरीके से दस्तावेज तैयार कर ग्राम कुकर्रामठ की निवासी बनाकर पंचायत चुनाव लड़ाया गया और वह अब वर्तमान में सरपंच भी है‌जिसे ग्राम पंचायत कुकर्रामठ के विकास से कोई लेना-देना ही नहीं है, चाहे यहां के ग्राम का विकास हो या ना हो उसे तो बस अपनी जेब भरना है जिसकी बंगी हाल ही में सामने आया है, जिससे स्पष्ट होता है की ग्राम पंचायत कुकर्रामठ में विकास तो नहीं कराया जा रहा है पर फर्जी बिल लगाकर राशि का आहरण जरूर कर लिया गया है

हाल ही में 5वां राज्य आयोग  वित्त के तहत  मेन रोड से आश्रम तक सीसी रोड बनाए जाने की  स्वीकृति  कराई गई थी, जिस पर सी सी रोड़ का‌ निर्माण कराया जाना था पर अभी तक ना हीं रोड पर मटेरियल डाले गए हैं और ना ही कार्य कराए जाने को लेकर ग्राम पंचायत में बैठक कराया गया है और सरपंच सचिव के द्वारा सांठ गांठ कर मटेरियल की खरीदी किए बिना ही सरपंच के नजदीकी रिश्तेदार का फर्जी बिल लगा 1,46000 की राशि का भुगतान कर दिया गया । जिसकी जानकारी ग्राम पांचों समेत उप सरपंच को भी नहीं है।

आखिर कैसे हो ग्रामीणों का विकास ?

ग्राम पंचायत कुकर्रामठ के ग्रामीणों का कहना है कि जब सरपंच एवं सचिव बिना किसी को जानकारी दिए ही मनमानी तौर पर बिना मटेरियल खरीदी किया इस तरह से फर्जी भुगतान करेंगे तो ग्राम पंचायत एवं वहां के ग्रामीणों का विकास कैसे होगा।?

पड़ोसी ग्राम का निवासी है ग्राम पंचायत कुकर्रामठ के वर्तमान सरपंच

ग्राम कुकर्रामठ के ग्रामीणों का कहना है कि हमारे ग्राम में आदिवासी समुदाय के लगभग 300 बोटर हैं इसके बाद भी हमारे ग्राम पंचायत कुकर्रामठ में पड़ोसी ग्राम के मूल निवासी को वर्तमान में सरपंच बना दिया गया जिससे ग्राम पंचायत कुकर्रामठ  के विकास की कल्पना भी नहीं की जा सकती।

विगतपंचवर्षी में ग्राम पंचायत बुड़रुखी का सरपंच था वर्तमान सरपंच का पति

ग्रामीणों के द्वारा जानकारी में बताया गया है कि कुकर्रामठ में बुड़रूखी के मूल निवासी महिला जो वर्तमान में सरपंच है उसके पति संजय धुर्वे विगत पंचवर्षी में ग्राम पंचायत बुड़रूखी के सरपंच थे अब सवाल यह उठता है कि अगर वो ,विगत पंचवर्षीय ग्राम पंचायत बुड़रूखी  के मूल निवासी थे और वहां के सरपंच भी रह चुके हैं तो वर्तमान में उनकी श्रीमती उर्मिला धुर्वे ग्राम पंचायत कुकर्रामठ के निवासी होने के साथ-साथ वर्तमान सरपंच कैसे हो गई यह समझ से परे है।

इनका कहना है

मामला संज्ञान में आ गया है नोटिस जारी करने को कहा गया है उपयंत्री को भेजकर मामले की जांच कराई जाएगी सत्यता पाए जाने पर संबंधित के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

        सी पी साकेत
सी ईओ जनपद पंचायत। समनापुर

सरपंच एवं सचिव के द्वारा मिली भगत कर बिना किसी को जानकारी दिए, बिना मटेरियल खरीदी किए ही सरपंच पति के रिश्ते में जीजा लगते हैं उनका फर्जी बिल लगा 146000 रूपए का भुगतान कर दिया गया

      सीताराम राठौर
उप सरपंच ग्राम पंचायत कुकर्रामठ

जनसम्पर्क विभाग – आरएसएस फीड

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