मध्यप्रदेश

अंतरिक्ष विज्ञान की नई तकनीक से प्राकृतिक संसाधनों का बेहतर संरक्षण एवं संवर्धन : मंत्री सिलावट

भोपाल
जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा है कि अंतरिक्ष विज्ञान की नई तकनीक के प्रयोग से हम हमारे प्राकृतिक संसाधनों का बेहतर संरक्षण एवं संवर्धन कर सकते हैं और हमारा देश एवं प्रदेश अधिक सक्षम और समृद्धिशाली बन सकता है। अंतरिक्ष सूचनाओं के आधार पर आज हम प्रदेश के जल संसाधनों का योजनाबद्ध तरीके से प्रबंधन कर सकते हैं। जल संसाधनों के विकास, योजना निर्माण तथा निर्मित संरचनाओं की निगरानी एवं उनके प्रबंधन में यह विज्ञान अत्यंत उपयोगी सिद्ध हुआ है। हमें इसका अधिक से अधिक उपयोग करना चाहिए।

जल संसाधन मंत्री सिलावट ने मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के प्रांगण में राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस 23 अगस्त के परिप्रेक्ष्य में "जल के क्षेत्र में अंतरिक्ष विज्ञान का उपयोग" विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ किया। कार्यशाला का आयोजन जल संसाधन विभाग एवं मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। कार्यक्रम में इसरो सहित अंतरिक्ष विज्ञान से जुड़ी विभिन्न संस्थाओं के वैज्ञानिक, संबंधित विभागों के अधिकारी तथा जल एवं पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य करने वाले शोधार्थी शामिल हुए। मंत्री सिलावट ने शोधार्थियों को सम्मानित भी किया। उन्होंने अंतरिक्ष विज्ञान पर केंद्रित प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।

जल संसाधन मंत्री सिलावट ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में तेज गति से आगे बढ़ रहा है। भारत ने 23 अगस्त 2023 को चंद्र दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र में अपने चंद्रयान-तीन विक्रम लैंडर को सफलता पूरक उतारा था। भारत की इस महान उपलब्धि के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रतिवर्ष देश में 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस समारोह पूर्वक मनाया जाने की घोषणा की गई। राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर पूरे प्रदेश के महाविद्यालय /विद्यालयों में अंतरिक्ष दिवस कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनमें वैज्ञानिक छात्र संवाद, अंतरिक्ष विज्ञान आधारित कथन, प्रश्नोत्तरी एवं फिल्मों का प्रदर्शन आदि गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।

जल संसाधन मंत्री ने कहा कि आज भारत में अंतरिक्ष कार्यक्रमों की निरंतर उपलब्धि के चलते समय-समय पर भेजे गए उपग्रहों के माध्यम से हमें कई महत्वपूर्ण सूचनाऐं एवं जानकारी प्राप्त हो रही हैं। नदियों के बहाव के साथ-साथ बाढ़ का प्रबंध करने में अंतरिक्ष सूचनाओं से पूर्व-सूचना तंत्र विकसित किया जा रहा है, जो बाढ़ आपदा प्रबंधन के लिये अति महत्वपूर्ण निर्णय प्रणाली है। अल्प वर्षा की स्थिति में सूखे से निपटने के लिए भी इस तकनीकी से सूखे का आकलन एवं प्रबंधन किया जाना संभव हो पाता है। इस तकनीक से मौसम विज्ञान के क्षेत्र में भी मौसम के सटीक पूर्व -अनुमान प्राप्त हो रहे हैं।

 

PRATYUSHAASHAKINAYIKIRAN.COM
Editor : Maya Puranik
Permanent Address : Yadu kirana store ke pass Parshuram nagar professor colony raipur cg
Email : puranikrajesh2008@gmail.com
Mobile : -91-9893051148
Website : pratyushaashakinayikiran.com