अयोध्या
राम मंदिर निर्माण का 85 फीसदी काम पूरा हो चुका है। राम मंदिर निर्माण के दूसरे चरण में द्वितीय तल का निर्माण किया जा रहा है, शिखर का निर्माण वैसे तो शुरू हो चुका है लेकिन शिखर के मुख्य कार्य व नक्काशी आदि के लिए विशेष कारीगरों को बुलाया जा रहा है।
राम मंदिर निर्माण की कार्यदायी संस्था एलएंडटी जयपुर व राजस्थान के 24 कारीगरों के संपर्क में है जो शिखर निर्माण के विशेषज्ञ कारीगर माने जाते हैं। माना जा रहा है कि सितंबर माह के पहले सप्ताह में ये कारीगर अयोध्या पहुंच जाएंगे। शिखर समेत राम मंदिर की कुल ऊंचाई 161 फीट होगी। राम मंदिर के प्रथम तल का काम पूरा हो चुका है जबकि दूसरे तल के स्तंभ भी 15 फीट की ऊंचाई तक पहुंच गए हैं। कुल 19.5 फीट की ऊंचाई दूसरे तल की होगी। इसी के साथ शिखर निर्माण की भी प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। शिखर निर्माण में राजस्थान के वंशी पहाड़पुर के 60 हजार घनफीट पत्थरों का इस्तेमाल किया जाना है।
शिखर समेत मंदिर के निर्माण का काम पूरा करने का लक्ष्य दिसंबर 2024 तय किया गया है। वहीं दूसरे तल पर जाने के लिए सीढ़ी का निर्माण पूरा हो गया है। दूसरे तल पर मूर्ति स्थापित करने के लिए फाउंडेशन भी बनाया जा रहा है। ऐसे में यह अनुमान लगाया जा रहा है कि दूसरे तल पर भी मंदिर बनेगा। हालांकि ट्रस्ट ने इसकी पुष्टि नहीं की है। ट्रस्ट का कहना है कि दूसरे तल को खाली रखा जाएगा। यहां पर अनुष्ठान आदि किए जाएंगे।
30 फीसदी पूरा हो गया सप्त मंडपम का निर्माण कार्य
रामजन्म भूमि परिसर में सप्त मंडपम का भी निर्माण कार्य चल रहा है। सप्त मंडपम में राम के समकालीन सात पात्रों के मंदिर बनाए जा रहे हैं। ऋषि वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य, वाल्मीकि समेत निषादराज, शबरी व अहिल्या के मंदिर यहां बनाए जाएंगे। इनके फाउंडेशन का काम पूरा हो चुका है। इन मंदिरों का निर्माण भी राम मंदिर की तर्ज पर नागर शैली में किया जा रहा है। सप्त मंडपम का निर्माण कार्य अब तक 30 फीसदी पूरा हो चुका है। सप्त मंडपम के निर्माण कार्य की समय सीमा पर दिसंबर 2024 तय की गई है।