नई दिल्ली
दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डॉक्टरों ने गुरुवार को घोषणा की कि वे सुप्रीम कोर्ट की अपील के बाद कोलकाता की एक डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के विरोध में अपनी 11 दिन की हड़ताल वापस ले रहे हैं। इससे पहले दिन में सर्वोच्च न्यायालय ने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से काम पर लौटने को कहा था और उन्हें आश्वासन दिया था कि उनके काम पर लौटने के बाद कोई प्रतिकूल कार्रवाई नहीं की जाएगी।
सुरक्षा के आश्वासन के बाद हम काम पर लौट रहे हैं- एसोसिएशन
एम्स रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "आरजी कर घटना में सुप्रीम कोर्ट की अपील और हस्तक्षेप तथा डॉक्टरों की सुरक्षा के आश्वासन के बाद हम काम पर लौट रहे हैं। हम कोर्ट के कदम की सराहना करते हैं और उसके निर्देशों का पालन करने का आह्वान करते हैं। मरीजों की देखभाल हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।" 12 अगस्त को डॉक्टर एसोसिएशन ने देशव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू किया और ओपीडी सेवाएं रोक दीं। आपातकालीन सेवाएं सामान्य रूप से जारी रहीं।
डॉक्टर की हत्या के बाद शुरू हुए थे विरोध प्रदर्शन
जूनियर डॉक्टर पर हुए क्रूर हमले और हत्या के बाद पूरे देश में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। 9 अगस्त को सरकारी अस्पताल के चेस्ट डिपार्टमेंट के सेमिनार हॉल में उसका शव मिला था, जिस पर गंभीर चोट के निशान थे। अगले दिन मामले के सिलसिले में कोलकाता पुलिस ने एक नागरिक स्वयंसेवक को गिरफ्तार किया था।