छिंदवाड़ा
लोकसभा-विधानसभा चुनावों में हार के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस ने बड़ा फैसला किया है. कांग्रेस ने अपनी छिंदवाड़ा और पांढुर्णा की इकाइयां भंग कर दी हैं. हालांकि, दोनों जिलों में कांग्रेस अध्यक्ष रहेंगे, लेकिन कोई पैनल काम नहीं करेगा. सूत्र बताते हैं कि पार्टी ने यह फैसला पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से चर्चा के बाद ही लिया है. कांग्रेस उन कार्यकर्ताओं को बड़ी जिम्मेदारी और मौका देना चाहती है जो पार्टी के लिए जी-जान लगाकर काम करते हैं. कमलनाथ हाल ही में तीन दिन के प्रवास पर भोपाल आए थे. इसी दौरान उनकी मंजूरी मिलते ही पार्टी ने दोनों जिलों की इकाइयां भंग कर दीं.
सूत्रों का कहना है कि पार्टी ने इसलिए ये फैसला लिया, क्योंकि लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के कई कार्यकर्ता बीजेपी में चले गए थे. इसलिए पार्टी अब इन जगहों पर दोबारा कमेटियां बनाएगी. इन कार्यकर्ताओं के पार्टी बदलने की वजह से कांग्रेस ने 27 साल में पहली बार छिंदवाड़ा की लोकसभा सीट गंवाई थी. इस मामले को लेकर ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय महासचिव भंवर जितेंद्र सिंह ने कहा कि हम वरिष्ठ नेताओं से चर्चा के बाद दोनों जिलों में इकाइयां गठित करेंगे.
केवल पार्टी का सोचने वालों को मिलेगी जिम्मेदारी
भोपाल से प्रकाशित अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, सिंह ने कहा कि हमारी पार्टी के संविधान के मुताबिक ये कमेटियां छोटी होंगी. इनमें खास लोगों को जगह दी जाएगी. इन इकाइयों में उन्हीं नेताओं को पद दिए जाएंगे जो 24 घंटे पार्टी और संगठन के लिए काम करेंगे. जिला इकाइ की ये जिम्मेदारी होती है कि वह कार्यकर्ताओं को जमीनी स्तर पर, बूथ पर और मंडल स्तर पर एक करे. बता दें, पार्टी को अभी प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी की भी नई टीम का इंतजार है. पटवारी ने पिछले साल दिसंबर में अध्यक्ष पद संभाला था. और वे अभी तक पूर्व सीएम कमलनाथ की गठित हुई टीम के साथ ही काम कर रहे हैं. गौरतलब है कि, हाल ही में जीतू पटवारी ने कहा था कि रक्षाबंधन के बाद प्रदेश वर्किंग कमेटी का गठन किया जाएगा.