जगदलपुर
छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बल से मात खा रहे नक्सली अब अपना अस्तित्व बचाने के लिए टारगेट किलिंग पर उतर आए हैं। इस वर्ष जनवरी से लेकर अब तक नक्सलियों ने 16 ग्रामीणों की मुखबिरी के संदेह में हत्या की है। यहां तक कि छात्र को भी नहीं छोड़ा। दो साथी नक्सली को भी जनअदालत में मृत्युदंड की सजा दी है।
छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन के बाद सुरक्षा बल ने नक्सलियों के विरुद्ध आक्रामक अभियान करते हुए पिछले सात माह में 146 नक्सलियों को ढेर कर दिया है। इसमें बड़े नक्सली नेता सहित लड़ाकू बल के सदस्य मारे गए हैं। इससे नक्सल संगठन में उथल-पुथल मच गई है और बौखलाए नक्सली अब अपना अस्तित्व बचाने के लिए सीधे टारगेट किलिंग पर उतर आए हैं। पुलिस के सूचना तंत्र को ध्वस्त करने के लिए संगठन के भीतर से लेकर जन अदालत लगाकर ग्रामीणों तक को निशाना बनाकर हत्या कर रहे हैं।
नये स्थापित सुरक्षा कैंप, सामुदायिक पुलिसिंग कार्यक्रम व अंदरुनी क्षेत्र में सड़क, बिजली, पानी की सुविधा पहुंचाए जाने से जनता का भरोसा नक्सलतंत्र से टूटा है। नये कैंपों से चलाए गए अभियान में पुलिस को अपेक्षित सफलता मिली है। यही कारण है कि कमजोर पड़ चुके नक्सली अब क्षेत्र में डर का दोबारा से वातावरण बनाए रखने निर्दोष ग्रामीणों को लक्षित कर हत्याएं कर रहे हैं। -सुंदरराज पी., बस्तर आइजीपी
टारगेट किलिंग के मामले
13 अगस्त को बीजापुर जिले में नक्सली कमांडर मनीष कुरसम की हत्या के बाद 20 अगस्त को सीमावर्ती तेलंगाना के कोत्तागुड़ेम जिले में नक्सली कमांडर नीलो की मुखबिरी के संदेह में हत्या कर दी।
14 अगस्त को नक्सलियों ने सुकमा जिले के पूवर्ती में 16 वर्षीय छात्र सोयम शंकर को पुलिस के लिए मुखबिरी करने के संदेह में पीट-पीट कर मार डाला था। शंकर के बड़े भाई 19 वर्षीय सोयम सीताराम को भी इसके पांच-छह दिन पहले नक्सलियों ने हत्या कर दी थी।
4 जुलाई को नारायणपुर में पुलिस के लिए मुखबिरी के संदेह में अबूझमाड़ के थुलथुली गांव के गायता चैतुराम मंडावी की हत्या कर दी।
1 जुलाई को नारायणपुर में बांस शिल्प कालोनी में रहने वाले सन्नू उसेंडी का अपहरण कर हत्या कर दी। शव के पास मिले पर्चे में मुखबिरी का आरोप लगाया गया था।
11 मार्च को बीजापुर जिले के कुटरू थाना क्षेत्र के तेलीपेटा गांव में नक्सलियों ने 35 वर्षीय हेमला का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी।
सीधे आधार पर हुआ प्रहार
गृहमंत्री अमित शाह के दौरे के बाद जो रणनीति बनी उसमें सुरक्षा बल ने बस्तर में नक्सलियों के सबसे मजबूत आधार दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के गढ़ पर प्रहार किया। दक्षिण बस्तर डिविजन व पश्चिम बस्तर डिविजन के अबूझमाड़ क्षेत्र को निशाने पर लिया गया है।
यहां 19 से अधिक नये सुरक्षा कैंप स्थापित कर 100 से अधिक अभियान किए गए हैं। इन अभियान में पुलिस का सूचना तंत्र इतना मजबूत रहा कि घने जंगलों के भीतर नदी-नालों, पहाड़ों के पार सीधे नक्सलियों के बेस कैंप को निशाना बनाया गया है।