प्रदेश की 24 सीटों पर हुए उप चुनाव में बीजेपी ने 19 सीटें जीत कर प्रदेश को स्थायी सरकार दी है। इसके साथ ही विधानसभा में बीजेपी की सीटें 107 से बढ़कर 126 हो गई हैं। जबकि बहुमत के लिए 115 सीटें होनी चाहिए। अब बीजेपी के पास बहुमत से 11 सीटें ज्यादा हैं।
कांग्रेस को केवल 9 सीटें मिली हैं। बतौर विपक्ष विधानसभा में कांग्रेस विधायकों का आंकड़ा 96 हो गया है। बता दें कि मध्य प्रदेश विधानसभा में 230 सीटें हैं, जिसमें से एक सीट दमोह कांग्रेस विधायक राहुल लोधी के इस्तीफा देने के बाद खाली हो गई है, जिसके बाद सीटों की मौजूदा संख्या 229 है।
सिंधिया समर्थक 11 में से 9 मंत्री जीते हैं। डबरा से इमरती देवी को हार का सामना करना पड़ा है। इमरती देवी को उनके ही समधी सुरेश राजे ने हराया है। जबकि गिर्राज दंडोतिया को रवींंद्र सिंह ने हराया है। इसके अलावा सुमावली से मंत्री एंदल सिंह कंसाना चुनाव हार गए हैं।
बड़े मार्जिन से जीते मंत्री
उप चुनाव में दो से तीन मंत्री बड़े मार्जिन से जीते हैं। सांची से चुनाव लड़ने वाले प्रभुराम चौधरी ने 63 हजार से ज्यादा की लीड लेकर सबसे बड़ी जीत दर्ज की है। इसके बाद बम्हौरी से महेंद्र सिंह सिसोदिया ने 53 हजार से ज्यादा के अंतर से जीत दर्ज की है।
3 वरिष्ठ विधायकों को मिला मंत्री बनने का मौका
शिवराज सरकार के दो मंत्री इमरती देवी, गिर्राज सिंह दंडोतिया और एंदल सिंह कंसाना चुनाव हार गए हैं। ऐसे में बीजेपी के तीन वरिष्ठ विधायकों को मंत्री बनने का मौका मिल गया है। ऐसा माना जा रहा है कि शिवराज सरकार में मंत्री रहे संजय पाठक, राजेंद्र शुक्ला और रामपाल सिंह को एक बार फिर कैबिनेट में आने का मौका मिलेगा।
पोहरी सीट पर कांग्रेस तीसरे नंबर पर
पोहरी सीट से मंत्री सुरेश धाकड़ चुनाव जीत गए हैं। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बसपा के कैलाश कुश्वाहा को हराया है। एक मात्र सीट पोहरी सीट है, जहां कांग्रेस तीसरे नंबर पर आई है। यहां से कांग्रेस ने हरिवल्लभ शुक्ला को मैदान में उतारा था।
इमरती देवी को कलेक्टर के बूते जीतने का बयान देने से नहीं मिला फायदा
चुनाव के दौरान डबरा ऐसी सीट थी, जहां कमलनाथ के आइटम वाले बयान को बीजेपी ने जमकर उठाया। यहां से बीजेपी उम्मीदवार इमरती देवी ने आंसू बहा कर इसे भावनात्मक मुद्दा बनाने की कोशिश की, लेकिन उन्हें इसका फायदा नहीं मिला। इतना ही नहीं, इमरती देवी ने कलेक्टर के बूते चुनाव जीतने का बयान दिया था। जो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हुआ, लेकिन यह भी उन्हें जीत नहीं दिला सका।
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सीट | जीते | निकटतम | जीत का अंतर |
सुमावली | अजबसिंह कांग्रेस | एंदल सिंह कंसाना | 10947 |
मुरैना | राकेश मवई कांग्रेस | रघुराज सिंह कंसाना | 5751 |
दिमनी | रवींद्र सिंह कांग्रेस | गिर्राज दंडोतिया | 26467 |
अम्बाह | कमलेश जाटव बीजेपी | सत्यप्रकाश | 13892 |
मेहगांव | ओपीएस भदौरिया बीजेपी | हेमंत कटारे | 12036 |
गोहद | मेवाराम जाटव कांग्रेस | रणवीर जाटव | 11899 |
ग्वालियर | प्रद्युम्न सिंह बीजेपी | सुनील शर्मा | 33123 |
ग्वालियर पूर्व | सतीश सिकरवार कांग्रेस | मुन्नालाल गोयल | 8555 |
डबरा | सुरेश राजे कांग्रेस | इमरती देवी | 7633 |
भांडेर | रक्षा सिरोनिया बीजेपी | फूलसिंह बरैया | 161 |
करैरा | प्रागीलाल कांग्रेस | जसवंत जाटव | 30641 |
पोहरी | सुरेश धाकड़ बीजेपी | कैलाश कुश्वाहा बीएसपी | 22496 |
बम्हौरी | महेंद्र सिंह सिसौदिया बीजेपी | केएल अग्रवाल | 53153 |
अशोक नगर | जजपाल सिंह जज्जी बीजेपी | आशा दोहरे | 14630 |
मुंगावली | ब्रजेंद्र सिंह यादव बीजेपी | कन्हैया राम | 21469 |
सुरखी | गोविंद सिंह राजपूत बीजेपी | पारुल साहू | 40991 |
मलहरा | प्रद्युम्न सिंह बीजेपी | रामसिया भारती | 17567 |
अनूपपुर | बिसाहूलाल सिंह बीजेपी | विश्वनाथ सिंह | 34864 |
सांची | प्रभुराम चौधरी बीजेपी | मदनलाल | 63809 |
ब्यावरा | रामचंद्र दांगी कांग्रेस | नारायण सिंह | 12102 |
आगर | विपिन वानखेड़े कांग्रेस | मनोज ऊंटवाल | 1998 |
हाटपिपल्या | मनोज चाैधरी बीजेपी | राजवीर सिंह | 13904 |
मांधाता | नारायण सिंह पटेल बीजेपी | उत्तमपाल सिंह | 22129 |
नेपानगर | सुमित्रा देवी बीजेपी | रामकिशन पटेल | 26340 |
बदनावर | राज्यवर्धन सिंह बीजेपी | कमल सिंह पटेल | 32133 |
सांवेर | तुलसी सिलावट बीजेपी | प्रेमचंद गुडूडुू | 53264 |
सुवासरा | हरदीप सिंह डंग बीजेपी | राकेश पाटीदार | 29440 |
जौरा | सुबेदार सिंह बीजेपी | पंकज उपाध्याय | 13478 |