मध्यप्रदेश जन-अभियान परिषद के उपाध्यक्ष पद पर मोहन नागर ने किया पदभार ग्रहण
भोपाल
मध्यप्रदेश जन-अभियान परिषद के राज्य कार्यालय में आज नव-नियुक्त उपाध्यक्ष मोहन नागर ने पदभार ग्रहण किया। इस अवसर पर परिषद द्वारा प्रदेश के स्वैच्छिकता तंत्र के विकास में परिषद की भूमिका पर अवधारणात्मक विमर्श भी हुआ।
परिषद के नव-नियुक्त उपाध्यक्ष नागर ने कहा कि परिषद समाज, संगठन और सरकार के बीच सेतु है। उन्होंने कहा कि ग्राम में जो भारत है, उसके लिये हमें काम करना है। उन्होंने कहा कि परिषद के स्व. अनिल माधव जी की कल्पना थी, जो ग्राम विकास को लेकर रही। नागर ने कहा कि यह पदभार ग्रहण कार्यक्रम नहीं, बल्कि मेरे लिये यह दायित्वबोध का कार्यक्रम है।
केन्द्रीय मंत्री दुर्गादास उइके ने कहा कि मध्यप्रदेश जन-अभियान परिषद लोक मंगल के कार्यों के लिये समर्पित है। उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन की अनेक योजनाओं का लाभ अंतिम छोर तक के व्यक्ति तक पहुँचाने का काम परिषद द्वारा किया जा रहा है। परिषद नर सेवा ही नारायण की सेवा की तरह कार्य कर रही है। केन्द्रीय मंत्री उइके ने कहा कि राज्य शासन ने मोहन नागर जैसे अच्छे चिंतक, विचारक, यशस्वी लेखक, कवि एवं संवेदनशील चेतना पुरुष को सही उपदेश के लिये चुना है। मछुआ कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नारायण सिंह पवार ने कहा कि परिषद के उपदेश पवित्र हैं। जन-समुदाय के साथ उपदेश कैसे पूरे किये जायें, इन सब चीजों पर काम करना जन-अभियान परिषद का दायित्व है।
कौशल विकास एवं रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम टेटवाल ने कहा कि मोहन नागर पिछले 25 से 30 वर्षों से बैतूल जैसे बेल्ट में जौहरी की तरह काम कर रहे हैं। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण के साथ शोषित, वंचित, गरीब लोगों के कल्याण के लिये काफी काम किया है।
कार्यक्रम में सांसद रोडमल नागर, परिषद के कार्यपालक निदेशक डॉ. धीरेन्द्र कुमार पाण्डे, मुख्यमंत्री कार्यालय में ओएसडी महेश चौधरी, जन-प्रतिनिधि और अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।