गोरखपुर
यूपी के गोरखपुर में पुलिस ने जालसाजी के एक अजीबोगरीब और बहुत बड़े मामले का खुलासा किया है। इस वारदात में एक शख्स ने कोलकाता के एक व्यापारी को बताकर पांच लाख रुपए के जाली नोट दिए। व्यापारी ने न सिर्फ ये नोट लिए बल्कि उस शख्स को 50 लाख असली रुपए भी दे दिए। यही नहीं वह डेढ़ करोड़ और रुपए उस शख्स को देने के लिए उतावला हो गया। इतने सारे रुपए लेकर वह व्यापारी, जाली नोट वाले शख्स से मिलने कोलकाता से गोरखपुर भी आ गया। यहां व्यापारी से उस शख्स ने डेढ़ करोड़ रुपए और ले लिए। इसके बाद कुछ ऐसा हुआ कि व्यापारी पुलिस के पास जा पहुंचा और अब तक दो करोड़ रुपए ले चुके शख्स के खिलाफ ऐसी शिकायत दर्ज कराई जो पूरी तरह सही नहीं थी। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर व्यापारी ने उस शख्स से 5 लाख के जाली नोट लिए ही क्यों? यही नहीं बदले में पहले 50 लाख फिर डेढ़ करोड़ के असली नोट दे दिए? ऐसा कैसे हो सकता है? आइए हम आपको बताते हैं कि यह मामला आखिर है क्या?
दरअसल, खुद को दो करोड़ की ठगी का शिकार बताने वाला व्यापारी असल में एक बड़े लालच का शिकार हो गया था। व्यापारी चंद्रिका निषाद पिछले 20 सालों से कोलकाता में ठेके पर मॉल और घर बनाते हैं। उनके पूर्व परिचित अमरजीत को पता था कि वह कोलकाता के बड़े व्यापारी हैं। उनके पास करोड़ों रुपये हैं। व्यापारी से रुपये ऐंठने के लिए अमरजीत योजना बनाकर अपने साथियों के साथ उनसे मिलने कोलकाता पहुंचा। वहां व्यापारी चंद्रिका से मिलकर अमरजीत ने बताया कि वह नकली नोट का धंधा करता है। उसने व्यापारी को लालच दिया कि यदि वह असली दो करोड़ रुपए देगा तो बदले में चार गुना अधिक आठ करोड़ रुपए के नकली नोट मिलेंगे। जाल में फंसाने के लिए अमरजीत ने असली पांच लाख रुपये, यह कहकर दिए कि यह नकली करेंसी है। व्यापारी ने नोट चलाई तो कहीं कोई परेशानी नहीं आई।
इसके बाद व्यापारी ने 50 लाख दिए और 1.50 करोड़ बाद में देने के लिए कहा। इन रुपयों से जालसाजों ने स्कॉर्पियो कार खरीदी और बाकी रकम आपस में बांट ली। व्यापारी ने 50 लाख के बदले नकली करेंसी मांगी तो अमरजीत ने कहा कि आप 1.50 करोड़ देंगे तो आपको आठ करोड़ नकली करेंसी तत्काल मिल जाएगी। रुपये लेकर व्यापारी दस जुलाई को कोलकाता से गोरखपुर आ गया। यहां पूर्व निर्धारित योजना के मुताबिक अमरजीत ने एक पीआरडी जवान और एक सिपाही को अपने साथ मिलाकर व्यापारी को डराया-धमकाया और रुपये ले लिए। इसके बाद अमरजीत और उसके साथी फरार हो गए। हैरान-परेशान व्यापारी चंद्रिका पासवान अंत में पुलिस के पास पहुंचे। उन्होंने पुलिस को असली बात बताने की जगह कहा कि गोरखपुर के गीडा इलाके में जमीन दिखाकर उनसे दो करोड़ रुपये हड़प लिए गए हैं। गोरखपुर के सहजनवा थाने में 12 जुलाई को गोविंदपुर निवासी चंद्रिका निषाद ने एफआईआर दर्ज कराई थी। पुलिस ने जांच पड़ताल कर पूरे मामले का खुलासा किया और हकीकत को सामने रख दिया।
अब तक आठ गिरफ्तार
कोलकाता के व्यापारी से दो करोड़ रुपये हड़पने के मामले में पुलिस ने अब तक आठ जालसाजों को गिरफ्तार किया है। सभी को जेल भेज दिया गया है। इतने ही और लोगों के इस वारदात में शामिल होने का अंदेशा है। बताया जा रहा है कि फरार चल रहे जालसाजों में एक सिपाही भी शामिल हो सकता है।