अब इंटरनेट की दिग्गज कंपनी Google कथित तौर पर एक ऐसा ऐप लाई है जो बैंकों या क्रेडिट कार्ड कंपनियों को डिफ़ॉल्ट के मामले में फोन के कुछ फंक्शन ब्लॉक करने की अनुमति देगा.
ड़ी संख्या में स्मार्टफोन यूजर्स समान्यतः ज्यादा कीमत पर आने वाले डिवाइस खरीदते हैं, या अपडेट करते हैं. उपकरण निर्माता कम्पनियां अपने ग्राहकों को लॉन्ग-टर्म पेमेंट विकल्प उपलब्ध कराने के लिए क्रेडिट कार्ड कम्पनियों और बैंकों से टाई-अप करते हैं. इससे उनके लिए प्रीमियम स्मार्टफोन खरीदना आसान हो जाता है. हालाँकि इन उच्च स्तरीय स्मार्टफोन्स के कई यूजर्स रीपेमेंट पर डिफॉल्ट रहते हैं या विभिन्न कारणों से भुगतान करने में विफल रहते हैं. इसके बाद क्रेडिटर रिकवरी के उपायों का सहारा लेता है.
अब इंटरनेट की दिग्गज कंपनी Google कथित तौर पर एक ऐसा ऐप लाई है जो बैंकों या क्रेडिट कार्ड कंपनियों को डिफ़ॉल्ट
के मामले में फोन के कुछ फंक्शन ब्लॉक करने की अनुमति देगा. इस एप्लिकेशन को डिवाइस लॉक कंट्रोलर कहा जाता है और Google LLC लेबल के तहत इसे प्ले स्टोर पर सूचीबद्ध किया गया है.
रिपोर्ट्स के अनुसर यदि यूजर्स किसी किस्त का भुगतान करने से चूक जाते हैं तो यह ऐप बैंकों या क्रेडिट कार्ड कंपनियों को डिवाइस लॉक करने या कुछ फंक्शन्स को बंद करने की अनुमति दे सकता है. XDA डेवेलपर्स ने गूगल के प्रवक्ता के हवाले से कहा कि एप को केन्याई कैरियर सफारीकॉम के साथ मिलकर लॉन्च किया गया था. गूगल ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा कि सफारीकॉम के नए लिपा एमडोगो एमडोगो वित्त प्लान केन्याई लोगों को नया एंड्रॉइड Go Edition स्मार्टफोन खरीदने की अनुमति देता है. यह वाजिब किश्तों पर मिलेगा लेकिन सफारीकॉम के सवाल-जवाब सेक्शन में काह गया है कि अगर कोई यूजर समय पर किश्त देने में चूक जाता है, तो यह कैरियर डिवाइस को लॉक कर सकता है. पेमेंट की अंतिम तिथि के बाद चार दिन गुजरने पर डिवाइस लॉक का प्रावधान है
गूगल ने कहा है कि इस एप को प्ले स्टोर पर गलती से डाल दिया गया, Google ने पुष्टि की है कि डिवाइस लॉक नियंत्रक ऐप को Google Play Store पर लिस्टेड नहीं किया जाना चाहिए था. यह देखना है कि क्या भारत में क्रेडिट कार्ड कम्पनियों या बैंकों के साथ इस तरह के एप को लेकर गूगल कोई टाई-अप करेगा?