7 सितंबर दिन शनिवार से गणेश चतुर्थी का पर्व बहुत धूमधाम से मनाया जाता है, यह पर्व हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से 10 दिनों तक गणेश उत्सव मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गणेशजी के जन्मोत्सव को गणेश चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान गणेश के विधि विधान के साथ पूजा अर्चना की जाती है। 10 दिनों तक भगवान गणेश को घर में रखकर उत्सव मनाया जाता है और भक्त बप्पा की खूब सेवा भी कर सकते हैं। गणेश चतुर्थी का पर्व आने में अब कुछ ही दिन बचे हैं, ऐसे में अभी से पूजा में काम आने वाली सामग्री लिस्ट के बारे में जान लीजिए, ताकि पूजा के दौरान कोई भी चीज रह ना जाए। आइए जानते हैं पूजन सामग्री लिस्ट…
7 सितंबर को गणेश चतुर्थी का पर्व
चतुर्थी तिथि का आरंभ – 6 सितंबर, दोपहर 3 बजकर 1 मिनट से आरंभ
चतुर्थी तिथि का समापन – 7 सितंबर, शाम 5 बजकर 36 मिनट पर समापन
उदया तिथि को ध्यान में रखते हुए 7 सितंबर दिन शनिवार को गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाएगा।
गणेश पूजन स्थापना मुहूर्त
गणेशजी की पूजा दोपहर के समय की जाती है क्योंकि मान्यता है कि दोपहर के समय ही गणेशजी का प्राकट्य हुआ था। 7 सितंबर को आप गणेशजी की स्थापना दोपहर 11 बजकर 3 से 1 बजकर 34 मिनट तक कर सकते हैं।
गणेश चतुर्थी पूजन सामग्री लिस्ट
भगवान गणेश के पूजन के लिए गणेशजी की प्रतिमा, फिर वह चाहें मिट्टी, स्वर्ण, चांदी, पीतल आदि की ही क्यों ना हो, अपने सामग्री में जोड़ लें।
हल्दी, कुमकुम, सुपारी, सिंदूर, गुलाल, लौंग, लाल रंग का वस्त्र, जनेऊ का जोड़ा, दूर्वा, कपूर, दीप, धूप, पंचामृत, मौली, फल, पंचमेवा, गंगाजल, कलश, फल, नारियल, लाल चंदन, मोदक हैं।
अष्टगंध, दही, शहद, गाय का घी, शक्कर, गणेशजी के लिए फूल की माला, केले के पत्ते, गुलाब जल, दीपक बाती, चांदी का सिक्का।
गणेश पूजन में भगवान गणेश के 21 नाम का जप करना बहुत फलदायी माना जाता है। मान्यता है कि हर रोज इन 21 नाम का जप करने से जीवन के सभी दुख व कष्ट दूर हो जाते हैं।
भगवान गणेश के 21 नाम का जप करें
ॐ गणञ्जयाय नमः
ॐ गं गणपतये नमः
ॐ गं हेरम्बाय नमः
ॐ गं धरणीधराय नमः
ॐ गं महागणपतये नमः
ॐ गं लक्षप्रदाय नमः
ॐ गं क्षिप्रप्रसादनाय नमः
ॐ गं अमोघसिद्धये नमः
ॐ गं अमृताय नमः
ॐ गं मंत्राय नमः
ॐ गं चिंतामणये नमः
ॐ गं निधये नमः
ॐ गं सुमङ्गलाय नमः
ॐ गं बीजाय नमः
ॐ गं आशापूरकाय नमः
ॐ गं वरदाय नमः
ॐ गं शिवाय नमः
ॐ गं काश्यपाय नमः
ॐ गं नन्दनाय नमः
ॐ गं वाचासिद्धाय नमः
ॐ गं ढुण्ढिविनायकाय नमः