तेल अवीव
इजरायल में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के युद्ध नीतियों के विरोध में हजारों लोग सड़कों पर उतर आए हैं। नेतन्याहू पर गाजा में संघर्ष विराम का भी दबाव बढ़ता जा रहा है। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी कहा कि उन्हें लगभग 11 महीने की लड़ाई में और अधिक करने की जरूरत थी। इसके बाद अब नेतन्याहू भड़क गए हैं। उन्होंने साफ कहा है कि कोई उन्हें यह ना बताए कि क्या करना चाहिए और क्या नहीं। बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों के बाद अपने पहले सार्वजनिक बयान में नेतन्याहू ने कहा कि वह अपनी मांग पर अड़े रहेंगे कि फिलाडेल्फिया कॉरिडोर पर इज़राइल का नियंत्रण रहे। यह मिस्र के साथ गाजा की सीमा पर एक बैंड है जहां इज़राइल का दावा है कि हमास गाजा में हथियारों की तस्करी करता है। हालांकि मिस्र और हमास इससे इनकार करते हैं। यह मांग संघर्ष विराम के समझौते में एक बड़ी अड़चन के रूप में उभरी है
नेतन्याहू ने आगे कहा, “इस मुद्दे पर कोई मुझे उपदेश नहीं देगा। बंदियों को छुड़ाने में मुझ से ज्यादा कोई कोशिश नहीं कर रहा है।” रविवार देर रात इजरायली लोग सड़कों पर उतर आए थे। यह युद्ध की शुरुआत के बाद से संभवतः सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन था। बंदियों के परिवारों और अधिकांश लोगों ने हमास के आतंक के लिए नेतन्याहू को दोषी ठहराया है और कहा है कि हमास के साथ समझौते से बंधकों को जिंदा वापस लाया जा सकता था। इस बीच शांति वार्ता में मध्यस्थता कर रहे टीम के साथ बैठक के लिए व्हाइट हाउस पहुंचे बाइडेन ने मीडिया से बात की। यह पूछे जाने पर कि क्या नेतन्याहू पर्याप्त प्रयास कर रहे हैं, बाइडेन ने जवाब दिया, "नहीं।"
नेतन्याहू के घर के बाहर लगे नारे
वहीं पूरे देश में लोगों ने बड़े पैमाने पर हड़ताल किया। देर रात कई हज़ार प्रदर्शनकारी सेंट्रल यरुशलम में नेतन्याहू के निजी घर के बाहर नारे लगाते हुए इकट्ठा हो गए थे। इस बीच पुलिस और लोगों के बीच हाथापाई भी हुई और कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया। इजरायली मीडिया के मुताबिक तेल अवीव में नेतन्याहू की लिकुड पार्टी के बाहर हज़ारों लोगों ने मार्च किया।
कहां फंसी है बात
हमास ने इजरायल पर फिलाडेल्फिया कॉरिडोर और गाजा से होकर गुजरने वाले दूसरे कॉरिडोर पर स्थायी इजरायली नियंत्रण सहित नई मांगें जारी करके बातचीत को खींचने का आरोप लगाया है। हमास ने युद्ध को खत्म करने, इजरायली सेना की पूरी तरह वापसी और हाई-प्रोफाइल उग्रवादियों सहित बड़ी संख्या में फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई के बदले में सभी बंधकों को रिहा करने की पेशकश की है। वहीं नेतन्याहू ने सोमवार को कहा कि वे संघर्ष विराम के पहले चरण को पूरा करने के लिए तैयार हैं। इस योजना में कुछ बंधकों की रिहाई, इजरायली सैनिकों की आंशिक वापसी और इजरायल द्वारा पकड़े गए कुछ कैदियों की रिहाई शामिल होगी लेकिन उन्होंने गाजा से पूरी तरह हमलों को रोकने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि उन्हें कोई दूसरा नहीं दिखता जो गाजा की सीमाओं को नियंत्रित कर सके।
नेतन्याहू और रक्षा मंत्री योव गैलेंट में अनबन
इस बीच इजरायली मीडिया ने नेतन्याहू और रक्षा मंत्री योव गैलेंट सहित शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के बीच मतभेदों की सूचना भी दी है। गेलेंट का कहना है कि संघर्ष विराम के लिए यह समय सही है। एक अधिकारी ने गुरुवार को सुरक्षा कैबिनेट की बैठक में गैलेंट और नेतन्याहू के बीच नोकझोंक की पुष्टि की जहां नेतन्याहू ने फिलाडेल्फिया कॉरिडोर पर नियंत्रण बनाए रखने के पक्ष में मतदान किया। गैलेंट ने प्रस्ताव के खिलाफ एकमात्र वोट दिया। उन्होंने कहा कि नेतन्याहू बंधकों के जिंदगी की तुलना में बॉर्डर पर कंट्रोल लेने में ज्यादा इच्छुक हैं। वार्ता का नेतृत्व कर रहे हमास के अधिकारी खलील अल-हय्या ने रविवार देर रात कतरी नेटवर्क अल जजीरा को बताया कि नेतन्याहू ने फिलाडेल्फिया कॉरिडोर को बंधकों की रिहाई से ज्यादा जरूरी माना है। इजरायल ने कहा कि गाजा में मृत पाए गए छह बंधकों को हमास ने उस सुरंग में इजरायली सेना के पहुंचने से कुछ समय पहले ही मार दिया था जहां उन्हें रखा गया था।