छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में एक व्यक्ति ने जमीन बेचने के नाम पर ठेकेदार से 8.73 लाख रुपए ठग लिए। जिस जमीन का सौदा किया गया, उसे कोर्ट ने पहले ही कुर्क कर बेचने पर प्रतिबंध लगा रखा है। जब रजिस्ट्री कराने के लिए ठेकेदार ने कहा तो ठग टालमटोल करने लगा। उन्होंने राजस्व से कागजात निकलवाए तो मामला खुला। इसके बाद दो लोगों के खिलाफ कोटा थाने में मामला दर्ज कराया है।
जानकारी के मुताबिक, करगीरोड निवासी मनीष कुमार गुप्ता नाका चौक कोटा में छड़, सीमेंट की बिक्री और ठेकेदारी करते हैं। उन्होंने श्रवण निर्मलकर से ग्राम करगी खुर्द कोटा स्थित जमीन का सौदा 14 लाख रुपए में किया। दिसंबर 2019 में 50 रुपए के स्टांप पेपर पर एग्रीमेंट हुआ और एडवांस के रूप में मनीष ने श्रवण को 8.73 लाख रुपए दे दिए। आरोप है कि भी मनीष रजिस्ट्री की बात करते, श्रवण टाल जाता।
राजस्व में खसरा देखा तो सामने आया सारा मामला
संदेह होने पर मनीष ने राजस्व अभिलेखों में खसरा देखा तो पता चला कि जिस जमीन का सौदा हुआ वह दूसरी है। साथ ही यह भी सामने आया कि श्रवण कुमार निर्मलकर के स्वामित्व की सभी जमीनों को न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम कोटा ने आदेश जारी कर न्यायालय तहसीलदार कोटा को शासन के पक्ष में कुर्क कर बिक्री, दान व अन्य को हस्तांतरित या प्रभारित करने से प्रतिबंधित किया है।
जिसे कोर्ट ने देखरेख के लिए जमीन दी, वही धोखाधड़ी में गवाह बना
इस जमीन को कोर्ट ने इकरारनामा के गवाह लक्ष्मी यादव के सुपुर्द किया था। लक्ष्मी इस पर खेती करता और उससे होने वाली आय को कोर्ट में जमा कर रहा था। आरोप है कि श्रवण के साथ हुए मनीष के एग्रीमेंट में लक्ष्मी ने गवाह के तौर पर साइन किए। जबकि दोनों लोगों को पता था कि कोर्ट जमीन को कुर्क कर चुका है। अब मनीष ने दोनों के खिलाफ कोटा थाने में धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराई है।