मध्यप्रदेश

बिजली कंपनियां प्रदेश में जियो टेगिंग की मदद से ढूढेंगी अटल ज्योति योजना के अपात्र

भोपल

 मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) की तीनों विद्युत वितरण कंपनियां (Electricity Distribution Companies) पूर्व क्षेत्र, मध्य क्षेत्र व पश्चिम क्षेत्र में मध्य प्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम लिमिटेड (MPSEDC) के सहयोग से जियो टैगिंग (Geo Tagging) तकनीक के माध्यम से अटल ज्योति योजना का लाभ लेने वाले उपभोक्ताओं की वास्तविक स्थिति की जांच करेंगी. जांच की शुरुआत मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के भोपाल व ग्वालियर के पॉश इलाकों से कर दी गयी है. MPSEDC द्वारा जियो टैगिंग के माध्यम से बिजली उपभोक्ताओं की जानकारी निकाल कर विद्युत वितरण कंपनियों को उपलब्ध कराई जाएगी. इससे बड़े भू-भाग व अधिक क़ीमत की गाइडलाइन वाले उपभोक्ता द्वारा अटल ज्योति योजना के अंतर्गत सब्सिडी लेने की जानकारी मिल सकेगी. इस जानकारी के आधार पर विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा ऐसे परिसरों को चिन्हित कर कार्रवाई करने की योजना तैयार की जाएगी.
क्या है ये योजना?

अटल ज्योति योजना के दायरे में वे उपभोक्ता आते हैं जिनकी मासिक बिजली खपत 150 यूनिट तक है. ऐसे उपभोक्ताओं को ऊर्जा विभाग द्वारा सब्सिडी दी जाती है. मध्यप्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों के द्वारा अपनी बिलिंग प्रणाली का डाटा मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रानिक्स विकास निगम लिमिटेड को उपलब्ध कराया गया है. इस कार्य में नगर निगम व नगर पालिका के साथ समन्वय स्थापित कर संपत्ति डाटा भी एमपीएसइडीसी को दिया गया है.

एमपीएसइडीसी के एमपी जियो पोर्टल की मदद से कलेक्टर गाइड लाइन पर हुई रजिस्ट्री की कमांड देकर डाटा निकाला जाएगा और दूसरे कमांड पर इस गाइडलाइन पर रजिस्ट्री करवाने वाले ऐसे उपभोक्ताओं की जानकारी मिलेगी जिनके यहां बिजली की मासिक खपत 150 यूनिट तक है.

एक परिसर में अनेक कनेक्शन वाले उपभोक्ता ये करें

विद्युत वितरण कंपनियों ने विद्युत उपभोक्ताओं से अपील की है कि जिनके परिसर में अनेक कनेक्शन चल रहे वे अनेक विद्युत कनेक्शनों को समाहित (मर्ज) कराकर एक बिजली कनेक्शन करवा लें. इसके लिए वे नजदीकी विद्युत वितरण केंद्र अथवा जोन कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं.

परिवारों को चिह्नित कर कार्रवाई करेंगे

इससे बड़े भू-भाग व अधिक क़ीमत की गाइडलाइन वाले उपभोक्ता द्वारा अटल ज्योति योजना के अंतर्गत सब्सिडी लेने की जानकारी मिल सकेगी। इस जानकारी के आधार पर विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा ऐसे परिसरों को चिह्नित कर कार्रवाई करने की योजना तैयार की जाएगी।

एमपीएसइडीसी के एमपी जियो पोर्टल की मदद से कलेक्टर गाइड लाइन पर हुई रजिस्ट्री की कमांड देकर डाटा निकाला जाएगा और दूसरे कमांड पर इस गाइडलाइन पर रजिस्ट्री करवाने वाले ऐसे उपभोक्ताओं की जानकारी मिलेगी, जिनके यहां बिजली की मासिक खपत 150 यूनिट तक है।

150 यूनिट बिजली की खपत वाले इसमें शामिल

अटल ज्योति योजना के दायरे में वे उपभोक्ता आते हैं जिनकी मासिक बिजली खपत 150 यूनिट तक है। ऐसे उपभोक्ताओं को ऊर्जा विभाग द्वारा सब्सिडी दी जाती है।

एमपीसईडीसी को उपलब्ध कराया डाटा

मध्य प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों के द्वारा अपनी बिलिंग प्रणाली का डाटा मध्य प्रदेश राज्य इलेक्ट्रानिक्स विकास निगम लिमिटेड (एमपीएसईडीसी) को उपलब्ध कराया गया है। इस कार्य में नगर निगम व नगर पालिका के साथ समन्वय स्थापित कर संपत्ति डाटा भी एमपीएसईडीसी को दिया गया है।

उपभोक्ता कनेक्शनों को समाहित कराएं

विद्युत वितरण कंपनियों ने विद्युत उपभोक्ताओं से अपील की है कि जिनके परिसर में अनेक कनेक्शन चल रहे वे अनेक विद्युत कनेक्शनों को समाहित (मर्ज) कराकर एक बिजली कनेक्शन करवा लें। इसके लिए वे नजदीकी विद्युत वितरण केंद्र अथवा जोन कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं।

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