भोपाल
मध्य प्रदेश सरकार ने अतिरिक्त मुख्य सचिव और कृषि उत्पादन आयुक्त मोहम्मद सुलेमान को मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन बोर्ड (MPPCS) के अध्यक्ष का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है। 2 अगस्त को उन्हें एपीसी मध्य प्रदेश के पद पर तबादला किया गया था। नए अतरिक्त प्रभार से ऐसा प्रतीत होता है कि मोहन यादव की सरकार धीरे-धीरे उन्हें सचिवालय से बाहर कर रही है।
सुलेमान का प्रशासनिक करियर और प्रमुख भूमिकाएं
मोहम्मद सुलेमान ने अपने करियर की शुरुआत ग्वालियर में असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में की थी। बाद में सिवनी, बालाघाट, और इंदौर में कलेक्टर के पद पर कार्य किया। अनुभव और तेज-तर्रार काम के कारण उन्हें राजधानी भोपाल में पदस्थापित किया गया। कोरोना महामारी के दौरान, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनके अन्य आईएएस अधिकारियों के पास कोई ठोस समाधान नहीं था, तब मोहम्मद सुलेमान ने ACS हेल्थ का कार्यभार संभाला था। संकट के समय उनके प्रभावी समाधान से मध्य प्रदेश की प्रशंसा पूरे देश में हुई। उनकी कार्य प्रणाली की वजह से ही वह शिवराज सिंह चौहान की गुडबुक में रहते थे।
कमलनाथ सरकार के दौरान सुलेमान की भूमिका
2018 में कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने पर, सुलेमान ने इंडस्ट्रियल इन्वेस्टमेंट्स पर ध्यान केंद्रित किया और जनवरी 2019 में कमलनाथ के साथ स्विट्जरलैंड का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने निवेशकों के सम्मेलन का आयोजन भी किया। हालांकि, सरकार बदलने पर भी सुलेमान की स्थिति मजबूत बनी रही। शिवराज सिंह चौहान के फिर से मुख्यमंत्री बनने पर सुलेमान की प्रभावशाली स्थिति बरकरार रही।
डॉ. मोहन यादव ने भी दिए महत्वपूर्ण प्रभार
2023 में जब डॉ. मोहन यादव ने प्रशासन में व्यापक बदलाव किए, तब भी मोहम्मद सुलेमान की स्थिति में कोई खास परिवर्तन नहीं हुआ। उनका प्रभावशाली करियर इस बात से स्पष्ट है कि, मध्य प्रदेश में मंत्री पद की बदलती मांगों के बावजूद, सुलेमान की स्थिति में कोई कमी नहीं आई। चर्चाएं तो यह भी रहीं कि उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से कहकर यशोधरा राजे सिंधिया को उद्योग मंत्री के पद से हटवा दिया था।