बेंगलुरु
टाटा ग्रुप की एविएशन कंपनी एयर इंडिया बेंगलुरु में हवाई जहाज के मेंटनेंस के लिए मेगा एमआरओ बनाने का ऐलान किया है। कंपनी ने कहा कि इसके बन जाने के बाद भारत में एक मजबूत आत्मनिर्भर विमानन पारिस्थितिकी सिस्टम बनाने में मदद मिलेगी। एयरक्राफ्ट को मेंटनेंस के लिए विदेश नहीं भेजना पड़ेगा।
एयर इंडिया की यह फेसिलिटी बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बनाई जा रही है। कंपनी ने बताया कि इस फेसिलिटी को करीब 35 एकड़ जमीन पर स्थापित किया जाएगा। यह टाटा ग्रुप के स्वामित्व वाली वाहक के विमान रखरखाव कार्यों के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बन जाएगी, क्योंकि एयरलाइन अपने बेड़े का आधुनिकीकरण कर रही है और अपने वैश्विक परिचालन का विस्तार कर रही है।
ज्ञात हो कि एमआरओ परियोजना इस साल फरवरी में कर्नाटक सरकार के साथ एयर इंडिया द्वारा हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन का हिस्सा है, जिसमें एमआरओ सुविधा पर 1300 करोड़ रुपए का निवेश करने का प्रस्ताव है। एयर इंडिया ने इस सुविधा के विकास के लिए रणनीतिक साझेदार बनने के लिए एसआईए इंजीनियरिंग कंपनी (एसआईएईसी) के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
बेंगलुरु में बुधवार को आयोजित भूमिपूजन समारोह में कर्नाटक सरकार में उद्योग आयुक्त गुंजन कृष्णा, तथा बैंगलोर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के एमडी व सीईओ हरि मरार और एसआईए इंजीनियरिंग कंपनी के सीईओ चिन याउ सेंग सहित अन्य लोग शामिल हुए। इस एमआरओ फेसिलिटी से भारत में कुशल विमानन इंजीनियरों के लिए 1200 से ज्यादा नए रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है। यही नहीं, एक बढ़े हुए सप्लाई चेन के जरिए कर्नाटक में 200 से ज्यादा एसएमई का समर्थन किया जाएगा।
कंपनी ने कहा कि ओवरहेड टेली प्लेटफॉर्म, क्रेन, यूनिवर्सल डॉकिंग सिस्टम और देश में सबसे बड़े वर्टिकल लिफ्ट हैंगर दरवाजों समेत नवीनतम विमान रखरखाव तकनीक से लैस यह एमआरओ सुविधा दुनिया के किसी भी एमआरओ के बराबर विमानन रखरखाव में एक नया मानक स्थापित करेगी। एयर इंडिया ने लाइन रखरखाव की जरुरतों को पूरा करने के लिए दिल्ली में एक नया वाइड बॉडी हैंगर बनाने की भी योजना है। इससे सभी प्रमुख हवाई अड्डों पर एक संपूर्ण मेंटनेंस इको-सिस्टम विकसित करने में मदद मिलेगी।