एक वक्त, स्मार्टफोन के साथ अपना चार्जर लेकर चलना होता था। लेकिन आज के बदले हालात में मोबाइल चार्जर लेकर नहीं चलना होता है, क्योंकि ज्यादातर स्मार्टफोन टाइप-सी चार्जिंग पोर्ट के साथ आ रहे हैं, लेकिन क्या आपको मालूम है कि टाइप-सी चार्जिंग पोर्ट आपके मोबाइल फोन को बीमार बना रहा है। टाइप-सी चार्जिंग पोर्ट के अपने फायदे भी हैं। यही वजह है कि केंद्र सरकार टाइप-सी चार्जिंग पोर्ट को अनिवार्य बनाने जा रही है। लेकिन इसे इस्तेमाल करते वक्त लोगों को कुछ खास बातों का ख्याल रखना होगा, वरना लंबे वक्त में आपका स्मार्टफोन खराब हो सकता है।
साफ करने में दिक्कत
टाइप सी चार्जर को साफ करने में दिक्कत है। मतलब इसे आसानी से साफ नहीं किया जा सकता है। ऐसे में इसमें गंदगी भर जाती है, जिसकी वजह से कई बार चार्जिंग में दिक्कत होती है।
चेक करें कितने वॉट चार्जिंग को सपोर्ट करता है मोबाइल
मोबाइल यूजर्स को मालूम होना चाहिए कि उनका चार्जर कितने वॉट चार्जिंग को सपोर्ट करता है, उसी चार्जिंग एडॉप्टर से मोबाइल को चार्ज करना चाहिए। रेलवे स्टेशन, या किसी पब्लिक प्लेटफॉर्म से मोबाइल चार्ज करने से बचना चाहिए। बेहतर होगा, कि अपने साथ खुद का चार्जर लेकर चलें।
टाइप-सी केबल के टाइप
दरअसल मार्केट में दो तरह की टाइप-सी चार्जिंग केबल मौजूद हैं। एक यूएसबी टाइप-सी टू टाइप-सी चार्जिंग केबल है, जबकि दूसरी यूएसबी टाइप-ए टू यूएसबी टाइप सी केबल है। दोनों केबल का चार्जिंग मैकेनिज्म अलग है। हालांकि चार्जिंग के वक्त ज्यादातर यूजर्स इस बात का ख्या नहीं रखते हैं, जिसकी वजह से उनका स्मार्टफोन डैमेज हो सकता है।
फास्ट चार्जिंग
आज के वक्त में मार्केट में फास्ट चार्जर मौजूद हैं, जो टाइप-सी चार्जिंग पोर्ट के साथ आते हैं। टाइप-सी चार्जिंग पोर्ट वाले एडॉप्टर का पावर आउटपुट अलग-अलग वॉट का होता है। मतलब कुछ चार्जर 44W,65W के होते हैं, जबकि कुछ चार्जिंग एडॉप्टर 100W और 120W के होते हैं। ऐसे में किसी भी एडॉप्टर से मोबाइल चार्ज करना खतरनाक हो सकता है।