कनाडा
अपनी ऊर्जा और हिम्मत के लिए मशहूर रहा भारत का दिलेर राज्य पंजाब आजकल कनाडा में बैठे खतरनाक गैंगस्टरों से आ रही धमकियों और हिंसा का सामना कर रहा है। यह समस्या इतनी गंभीर हो चुकी है कि राज्य सरकार और लोग मिलकर इसका हल निकालने की कोशिश कर रहे हैं। कलविंदर सिंह, जो कनाडा में बैठे गैंगस्टरों के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं, इसका ताजा उदाहरण हैं। उन्हें दो साल से लगातार धमकी भरे फोन आ रहे हैं, जिसकी वजह से उन्होंने अपने फेसबुक से सारे आलोचनात्मक वीडियो हटा दिए।
जून में पंजाब पुलिस के पास शिकायत (FIR) दर्ज कराने के बाद भी कॉल्स बंद नहीं हुईं और सिंह को लगातार ऐसा लग रहा है जैसे कोई उन्हें देख रहा हो। सिंह की समस्या अकेली नहीं है। पंजाब पुलिस के एंटी-गैंगस्टर टास्क फोर्स को जनवरी से अब तक 200 से ज्यादा शिकायतें मिली हैं, जिनमें ज्यादातर कॉल कनाडा में बैठे गैंगस्टरों से जुड़ी हुई हैं। इनमें से 172 मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है और 174 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अगस्त के अंत में अमृतसर में एक व्यापारी को 5 करोड़ रुपये की मांग ठुकराने पर गोली मारी गई। इसके अलावा वैंकूवर में एक घर के बाहर गोलियां चलीं और फिरोज़पुर में एक जानलेवा हमला हुआ, जिससे हालात की गंभीरता का अंदाजा होता है।
हाल ही में पंजाब विधानसभा में इस मुद्दे पर चर्चा हुई, जहां कांग्रेस नेता अरुणा चौधरी ने बताया कि ऐसी धमकी भरी कॉल्स रोज आ रही हैं। वहीं विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने आरोप लगाया कि कुछ पुलिसकर्मी भी इन गैंगस्टरों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। बाजवा ने इसे पंजाब में पहले की तरह की अशांत स्थिति से जोड़ते हुए कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए। हालांकि पंजाब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने इन आरोपों से इनकार किया और कहा कि वे पूरी ईमानदारी से गैंगस्टरों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं। एंटी-गैंगस्टर टास्क फोर्स के सहायक पुलिस महानिरीक्षक (एआईजी) गुरमीत चौहान ने बताया कि ये कॉल्स अक्सर वीपीएन के जरिए की जाती हैं, जिससे उन्हें ट्रेस करना मुश्किल हो जाता है।
उन्होंने कहा कि गायक सिद्धू मूसेवाला की मई 2022 में हत्या के बाद से इन कॉल्स में काफी बढ़ोतरी हुई है, लेकिन पुलिस ने कई गैंगस्टरों को पकड़ने और उन्हें देश वापस लाने के प्रयास किए हैं। फिर भी समस्या बरकरार है। रिपोर्टों के अनुसार, 2022 से अब तक पंजाब में एक हजार से ज्यादा ऐसे धमकी भरे फोन आ चुके हैं और हर साल इन मामलों की संख्या बढ़ रही है। इस वजह से पंजाब के व्यापारियों और आम लोगों में डर का माहौल है। दोआबा के एक छोटे व्यापारी ने बताया कि मूसेवाला की हत्या के बाद से गैंगस्टर ज्यादा बेखौफ हो गए हैं और अब लोग चुपचाप उनका पैसा दे देते हैं, बजाय पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के। गांवों में स्थानीय लोगों की बढ़ती भागीदारी भी इस समस्या को और जटिल बना रही है, जहां कुछ लोग गैंगस्टरों की मदद कर रहे हैं और हिंसा में शामिल हो रहे हैं।