इजरायल ने गाजा में किया हवाई हमला, नौ फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत
इजरायल ने हमास के ठिकानों पर की एयर स्ट्राइक, तीन आतंकियों की मौत
कनाडा ने इजरायल के लिए 30 हथियार बिक्री परमिट निलंबित किए
गाजा
इजरायल ने गाजा पट्टी के जबालिया शहर में एयर स्ट्राइक की, जिसमें नौ फिलिस्तीनी नागरिक मारे गए हैं। फिलिस्तीनी सूत्रों के अनुसार, इजरायल ने उत्तरी गाजा पट्टी के जबालिया शहर में एक घर को निशाना बनाकर हवाई हमला किया। इस हमले के दौरान घर में कई लोग मौजूद थे, जिनमें नौ फिलिस्तीनी मारे गए और कई अन्य घायल हो गए।
गाजा में फिलिस्तीनी नागरिक सुरक्षा के प्रवक्ता महमूद बसल ने बताया कि इजरायल के फाइटर जेट ने अल-कुद्स ओपन यूनिवर्सिटी के डॉ. अकरम के घर को निशाना बनाया गया। इस हमले में तीन बच्चों और दो महिलाओं सहित नौ लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा उनके पड़ोसी घर भी एयर स्ट्राइक की चपेट में आए, जिसमें कई लोगों के घायल होने की खबर है।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, इस हमले के कारण कई मकान पूरी तरह ध्वस्त हो गए हैं। हवाई हमले के बाद सिविल डिफेंस की टीम लापता लोगों को बचाने के लिए बचाव अभियान में जुटी हुई है।
प्रवक्ता महमूद बसल ने बताया कि मृतकों और घायलों को उत्तरी गाजा के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हालांकि, इजरायल ने इस हमले को लेकर अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है।
ज्ञात हो कि हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को दक्षिणी इजरायली सीमा में घुसकर बड़ा हमला किया था। इस हमले में लगभग 1,200 इजरायली नागरिक मारे गए थे और 250 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया गया।
गाजा स्थित स्वास्थ्य अधिकारियों ने एक बयान में कहा कि गाजा पर जारी इजरायली हमलों में अब तक 41,020 फिलिस्तीनी नागरिक मारे गए हैं। साथ ही सैकड़ों नागरिकों का इलाज चल रहा है।
इससे पहले इजरायल ने हमास के ठिकानों को निशाना बनाया था। इस हमले में हमास के तीन आतंकी मारे गए हैं। इजरायली सेना ने एक बयान में कहा कि उसने दक्षिणी गाजा में एक हमला किया, जिसमें तीन आतंकियों की मौत हुई है।
इजरायल ने हमास के ठिकानों पर की एयर स्ट्राइक, तीन आतंकियों की मौत
इजरायल ने एक बार फिर हमास के ठिकानों को निशाना बनाया है। इस हमले में हमास के तीन आतंकी मारे गए हैं। इजरायली सेना ने एक बयान में कहा कि उसने दक्षिणी गाजा में एक हमला किया, जिसमें तीन आतंकियों की मौत हुई है।
गाजा स्थित स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इजरायल ने खान यूनिस के मावासी इलाके में विस्थापित फिलिस्तीनियों के एक शिविर को निशाना बनाया, जिसमें कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई। कई लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका है। इन हमलों से जुड़े कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिसमें दर्जनों टेंट आग की चपेट में दिखाई दे रहे हैं।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, इजरायली सेना ने एक बयान में पुष्टि की है कि उसने उन स्थानों पर एयर स्ट्राइक की है, जो हमास के नियंत्रण में थे। ये हमले खुफिया जानकारी के आधार पर किए गए।
इजरायली सेना के अनुसार, इन हमलों में गाजा पट्टी में हमास की हवाई इकाई के प्रमुख समीर इस्माइल खादर अबू दक्का, हमास के सैन्य खुफिया मुख्यालय में निगरानी और लक्ष्य विभाग के प्रमुख ओसामा ताबेश और हमास के एक वरिष्ठ आतंकवादी अयमान की मौत हो गई है।
सेना ने कहा कि तीनों आतंकवादी 7 अक्टूबर 2023 को दक्षिणी इजरायल पर हुए हमास के हमले में शामिल थे। वह हाल ही में इजरायल रक्षा बलों और इजरायल के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की योजना बना रहे थे।
इसके अलावा इजरायली सेना ने मध्य गाजा में बुरेज शरणार्थी शिविर में अल-फारूक मस्जिद पर हमला किया। सेना ने कहा कि हमले का उद्देश्य मस्जिद के भीतर स्थित एक और हमास कमांड और नियंत्रण केंद्र को नष्ट करना था।
कनाडा ने इजरायल के लिए 30 हथियार बिक्री परमिट निलंबित किए
कनाडा ने इजरायल को हथियार बिक्री के लिए लगभग 30 मौजूदा परमिट निलंबित कर दिए हैं। स्थानीय मीडिया ने कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली के हवाले से यह जानकारी दी।
रिपोर्ट के अनुसार, विदेश मंत्री मेलानी जोली ने कहा कि ओटावा की नीति के अनुसार कनाडा निर्मित हथियारों और उनके कलपुर्जों का उपयोग गाजा पट्टी में नहीं किया जा सकता है। चाहे हथियारों को इजरायल में किसी भी तरह भेजा जाए।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने स्थानीय मीडिया के हवाले से बताया कि जनवरी में ओटावा ने इजरायल के लिए नए हथियार परमिट को मंजूरी देना बंद कर दिया था, हालांकि पिछले महीनों में स्वीकृत परमिट अभी भी सक्रिय थे।
विदेश मंत्री के हवाले से कहा गया है कि हम किसी भी प्रकार का हथियार या उसके पार्ट्स गाजा नहीं भेजेंगे। उन्हें कैसे और कहां भेजा जा रहा है, यह अप्रासंगिक है।"
रिपोर्टों के अनुसार, कनाडा अमेरिकी सरकार के साथ हुए उस अनुबंध को भी रोक रहा है जिसके तहत इजरायली रक्षा बलों को क्यूबेक में निर्मित गोला-बारूद भेजा जाना था, जिसकी घोषणा वाशिंगटन ने कुछ सप्ताह पहले की थी।