नई दिल्ली
एपल ने हाल ही में iPhone 16 series लॉन्च की है जिसके तहत iPhone 16, iPhone 16 Plus, iPhone 16 Pro और iPhone 16 Pro Max फोन लॉन्च किए गए हैं। iPhone 16 सीरीज की लॉन्चिंग के बाद अश्विनी वैष्णव माननीय रेल, सूचना एवं प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि यह सीरीज मेड इन इंडिया होगी और पूरी दुनिया में इसका निर्यात किया जाएगा।
आमतौर पर सभी को यही उम्मीद रहती है कि यदि कोई प्रोडक्ट का उत्पादन स्थानीय तौर पर हो रहा है तो वहां वह प्रोडक्ट सस्ता मिलना चाहिए, लेकिन आईफोन के साथ ऐसा नहीं है। अमेरिका में iPhone 16 का प्रोडक्शन नहीं होता है लेकिन वहां भारत के मुकाबले आईफोन सस्ता है, जबकि मेड इन इंडिया iPhone होने के बाद भी भारत में इसकी कीमत कम नहीं है।
भारत में बनने के बाद भी सस्ते क्यों नहीं हैं आईफोन?
इसकी बड़ी वजह टैक्स है। सरकार ने FY21 से स्मार्टफोन्स पर 22% इंपोर्ट ड्यूटी लगाई है, जिसमें 2% "सामाजिक कल्याण अधिभार" भी शामिल है। इसके अलावा 18% GST जोड़ें, तो iPhone Pro मॉडल पर कुल टैक्स लगभग 40% तक बढ़ जाता है। iPhone के साथ भी लग्जरी कारों जैसी ही दिक्कत है कि भारत में फोन बन रहे हैं तो लेकिन पूरी तरह से नहीं, क्योंकि भारत में सिर्फ इन्हें असेंबल किया जा रहा है।
इसके सभी पार्ट्स दूसरे देशों से आ रहे हैं जिस पर भारी-भरकम टैक्स लगता है। एपल सबसे ज्यादा पैसे डिस्प्ले पर खर्च करता है जिसे वह सैमसंग से खरीदता है। डिस्प्ले के लिए एपल को 20% इंपोर्ट ड्यूटी देनी पड़ती है। इसके अलावा प्रिंटेड सर्किट बोर्ड पर भी 20% और अन्य पार्ट्स 18% GST लगती है। ऐसे में भारत में असेंबल होने के बावजूद आईफोन के सस्ते ना होने की बड़ी और मुख्य वजह भारत का टैक्स सिस्टम ही है।