नई दिल्ली
नरेंद्र मोदी सरकार आज मंगलवार को प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर अपने तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे करेगी। इस दौरान मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि लखपति दीदी रही है। अब तक एक करोड़ से अधिक लखपति दीदियों का नामांकन हो चुका है, जिनकी सालाना आय एक लाख रुपये से अधिक है। एक वरिष्ठ सरकारी पदाधिकारी ने कहा कि नौकरियों को लेकर सरकार पर सवाल उठाने वालों को इतनी बड़ी संख्या में लखपति दीदियों का उभरना जवाब है।
पहले ही मिल गया था 100 दिन का रोडमैप
सरकारी सूत्रों ने मोदी 3.0 के पहले 100 दिनों के प्रदर्शन का ब्योरा जारी किया, जिसमें बताया गया कि इस अवधि के दौरान 15 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। उन्होंने कहा कि पहली बार जब परियोजनाएं शुरू की गईं, तो उनके उद्घाटन की तारीखों की घोषणा भी एक साथ की गई। सूत्रों ने यह भी सुझाव दिया कि इन 100 दिनों में शुरू की गई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की परिकल्पना काफी पहले से की गई थी, क्योंकि अधिकारियों को एनडीए सरकार के तीसरे कार्यकाल की शुरुआत से पहले 100 दिन का रोडमैप तैयार करने का निर्देश दिया गया था।
ये भी सरकार के प्लान में
सरकार के एक सूत्र ने बताया कि इन परियोजनाओं के माध्यम से रोजगार सृजन प्रमुख उपलब्धियों में से एक रहा है। उन्होंने आगे कहा कि हमें यह समझना चाहिए कि रोजगार का मतलब केवल सरकारी नौकरियां नहीं है, क्योंकि रोजगार सृजन पर ध्यान केंद्रित करते हुए कई दीर्घकालिक परियोजनाओं की योजना बनाई गई है। भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने अपने पहले 100 दिनों के कार्यकाल के दौरान 3 लाख करोड़ रुपये की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिसमें 25,000 असंबद्ध गांवों को सड़क नेटवर्क से जोड़ना और महाराष्ट्र के वधावन में एक मेगा बंदरगाह का निर्माण करना शामिल है।
किसानों की भलाई पर भी जोर
बुनियादी ढांचे के अलावा, सरकार ने खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ाकर, प्याज और बासमती चावल पर न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) हटाकर और कच्चे पाम, सोयाबीन और सूरजमुखी के तेलों के आयात पर शुल्क बढ़ाकर कृषि को बढ़ावा देने के लिए भी कदम उठाए हैं। सरकार द्वारा 75,000 नई मेडिकल सीटें जोड़ने का कदम, अपने पहले 100 दिनों में हासिल की गई एक और उपलब्धि है, क्योंकि इसे स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाने और विदेशी चिकित्सा शिक्षा पर निर्भरता को कम करने के लिए देखा जा रहा है।
आपदा प्रबंधन पर भी नजर
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में आपदा प्रबंधन एक और मुख्य आकर्षण रहा है। आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक, 2024 को पेश करने के अलावा, शहरी बाढ़ प्रबंधन, अग्निशमन सेवाओं, हिमनद झील के फटने से निपटने, बाढ़ नियंत्रण और अन्य आपदा न्यूनीकरण प्रयासों के लिए राज्यों को 12,554 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है।