भुवनेश्वर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 74वें जन्मदिन के मौके पर ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में राज्य की भाजपा सरकार की अतिमहत्वाकांक्षी सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया। इस स्कीम के जरिए राज्य की महिलाओं को सालाना 10,000 रुपये की वित्तीय मदद दी जाएगी। यह रकम 5000 रुपये की दो किस्तों में दी जानी है। इस मौके पर पीएम मोदी ने गणेश चतुर्थी पर देश के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के घर पर जाने से उपजे विवाद पर भी बात की। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भी समाज में विभाजन चाहने वाले लोगों को गणेश उत्सव से समस्याएं हैं। उन्होंने कांग्रेस पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस और उसके ‘ईकोसिस्टम’ को मेरे गणेश पूजा में भाग लेने से समस्या है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गणेश उत्सव देश के लिए केवल आस्था का विषय नहीं है, बल्कि इसने हमारे स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि आज भी समाज में विभाजन चाहने वाले लोगों को गणेश उत्सव से समस्याएं हैं। उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस और उसके ‘ईकोसिस्टम’ को मेरे गणेश पूजा में भाग लेने से समस्या है।’’ पीएम मोदी ने कहा कि कर्नाटक में भगवान गणेश को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया गया।
पीएम मोदी ने कहा, “देश आज हैदराबाद मुक्ति दिवस मना रहा है। आजादी के समय अवसरवादी लोग सत्ता हासिल करने के लिए भारत के टुकड़े करने को तैयार थे लेकिन सरदार पटेल आगे आए और उन्होंने देश को एकजुट किया। उन्होंने हैदराबाद में भारत विरोधी चरमपंथी शक्तियों पर काबू पाया और 17 सितंबर को उसे आजाद कराया। हैदराबाद मुक्ति दिवस सिर्फ एक तारीख नहीं बल्कि हमारे लिए अपने देश के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को लेकर एक प्रेरणा है… हमें उन चुनौतियों पर भी ध्यान देना होगा जो देश को पीछे धकेलने की कोशिश कर रही हैं। गणेश उत्सव सिर्फ एक धार्मिक त्योहार नहीं है। इसने हमारे देश की आजादी में अहम भूमिका निभाई है। जातियों के नाम पर हमें बांटना अंग्रेजों का हथियार था लेकिन लोकमान्य तिलक ने सार्वजनिक रूप से गणेश उत्सव का आयोजन कर देश को जगाया। आज गणेश उत्सव में बिना किसी भेदभाव के हर कोई हिस्सा लेता है।”
बता दें कि गणेश चतुर्थी के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई दिल्ली में CJI चंद्रचूड़ के सरकारी आवास पर पहुंचे थे, जहां उन्होंने चंद्रचूड़ दंपत्ति के साथ गणेश जी की आरती की थी। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था। इसके बाद यह विवाद और चर्चा का विषय बन गया था कि क्या सीजेआई के घर प्रधानमंत्री का जाना उचित है या नहीं? कई लोगों ने इस पर गहरी नाराजगी जताई थी। खासकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के लोगों ने गणेश आरती के बहाने हुई इस मुलाकात पर निशाना साधा था और सेटिंग करने का आरोप लगाया था।
कानूनी बिरादरी के भी कई लोगों ने इस पर आपत्ति जताई थी, जबकि शिवसेना (UBT) के संजय राउत ने तीखा व्यंग्य किया था। राउत ने संदेह भी जताया था कि क्या शिवसेना के उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट को जस्टिस चंद्रचूड़ के अधीन न्याय मिल सकेगा। उन्होंने सीजेआई को महाराष्ट्र के दो प्रमुख राजनीतिक दलों – शिवसेना (यूबीटी) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी(एसपी) से जुड़ी याचिका की सुनवाई से खुद को अलग करने की भी सलाह दी थी।