गुना
हनुमान टेकरी मंदिर में डकैती का पुलिस ने 23 दिन बाद राजफाश कर दिया। राजस्थान की कालबेलिया गैंग के पांच सगे भाइयों और उनके दो रिश्तेदारों ने उक्त वारदात को अंजाम दिया था। पुलिस ने मुख्य आरोपित सहित एक अन्य को गिरफ्तार कर लिया है।
वहीं भगवान के चांदी के आभूषणों को गलाने वाला सुनार भी पकड़ में आया है। खास बात यह कि 500 सीसीटीवी कैमरे के फुटेज तलाशने के बाद भी पुलिस बेसुराग थी, लेकिन एक छह सेकंड का वीडियो इस पूरी वारदात का राजफाश करने में अहम आधार बना।
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02 किलो चांदी गला दी
पुलिस अधीक्षक संजीव सिन्हा ने मंगलवार को प्रेसवार्ता में बताया कि 24-25 अगस्त की रात हनुमान टेकरी मंदिर में डकैती के मामले में गठित एसआइटी और आईजी ग्वालियर की तकनीकी टीम ने इस मामले के आरोपितों की पहचान कर मुख्य आरोपित व गैंग के एक अन्य सदस्य को पकड़ा है।
इनसे हनुमानजी का चांदी का मुकुट, पर्वत, छत्र, एक गदा, चरण पादुका, ह्दयाभूषण, सिद्ध बाबा का चांदी का त्रिपुंड, दुर्गा माता का चांदी का मुकुट और चौकीदार का मोबाइल मिल गया है। दो किलो चांदी आरोपितों ने गलाकर उसकी ईंट बना ली थी, वह भी मिल गई है। पूरे माल की कीमत करीब नौ लाख है, शेष माल और फरार पांच आरोपितों की तलाश जारी है।
पहले भी कर चुके थे वारदात
खास बात यह कि टेकरी मंदिर में डकैती से पहले बदमाश पांच किमी दूर अपनी बाइक रखकर टेकरी के पीछे खेतों के रास्ते से आए थे। किसी कैमरे में भी उनकी फुटेज नजर नहीं आ सकी थी। आरोपित मंदिरों में पहले भी चोरी कर चुके हैं। इधर, एसपी ने कहा कि आईजी द्वारा घोषित 30 हजार का इनाम ही पुलिस टीम को देंगे। इसके अलावा अन्य कोई नागरिक पुलिस को सम्मानित कर इनाम देगा, तो नहीं लेंगे। वे चाहें तो इनाम मंदिर में भेंट कर सकते हैं।
रेकी कर दिया वारदात को अंजाम
डकैती का मुख्य सरगना बाबूलाल पुत्र नारायण कालबेलिया उम्र 42 वर्ष निवासी ग्राम बंदाजागीर थाना कामखेड़ा जिला झालाबाड़ राजस्थान को सबसे पहले गिरफ्तार किया गया। इसके बाद उसके साथी शंकरनाथ उर्फ रमेश पुत्र गंगाराम नाथ उम्र 42 वर्ष निवासी ग्राम मुंडेरी थाना मंडावर जिला झालावाड़ को पकड़ा गया।
जबकि मुख्य आरोपित के भाई हरिसिंह, अभयसिंह, भगवानसिंह, साबिर भाग गए हैं। एक अन्य आरोपित बाबू पुत्र कानानाथ उम्र 41 वर्ष निवासी ग्राम गोविंदा थाना रामगंज मंडी जिला कोटा को भी तलाशा जा रहा है।
आरोपितों के कहने पर चांदी के आभूषण गलाने वाले सुनार मोहित पुत्र भेरूलाल सोनी उम्र 32 वर्ष निवासी अकलेरा जिला झालावाड़ को भी पकड़ लिया है। खास बात यह कि शंकरनाथ ने डकैती से 12-15 दिन पहले टेकरी मंदिर की पूरी रेकी की थी। वह यहां कंबल बेचने के बहाने आया था।
ऐसे गिरफ्त में आए आरोपित
उक्त डकैती के राजफाश में पुलिस को मिला छह सेकंड का वीडियो मुख्य आधार बना। उसका बारीकी से अध्ययन कर काफी सुराग जुटाए गए। इससे पुलिस को यह भी पता चला आरोपित कौन हैं। इसके आधार पर पुलिस राजस्थान गई। चार टीमों में एसआईटी को फैला दिया गया।
पुलिसकर्मियों को सादा वर्दी में आर्थिक सर्वे करने वाला बनाकर आरोपितों के गांव बंदाजागीर भेजा गया। आरोंपितों की मां शांतिबाई पत्नी नारायण कालबेलिया ने बताया उनके सात लड़के हैं, जो पत्नी और बच्चों के साथ कहीं चले गए हैं। घर की तलाशी लेने पर रेनकोट व कपड़े मिले, जो आरोपित पहनकर टेकरी मंदिर में घुसे थे।
इसके बाद शांतिबाई को लेकर पुलिस चित्तौड़गढ़ आई, जहां सड़क किनारे बैठे कुछ लोगों को देखकर शांतिबाई ने इशारा कर बताया यही मेरे बच्चे हैं। हालांकि, तब तक आरोपित सतर्क हो गए थे और सभी भाग गए। केवल मुख्य आरोपित बाबूलाल पकड़ में आ सका।
घड़ी, उंगली भी बने सुराग, गड्ढे में गाढ़कर छिपाए थे आभूषण
मुख्य आरोपित बाबूलाल ने ही चप्पल उतारकर टेकरी सरकार के हाथ जोड़ने के बाद उनके आभूषण उतारे थे। उसकी बाएं पैर की उंगली, घड़ी व कंधे पर हथियार रखने के दौरान दिखा कपड़ा, पैर की एड़ी वीडियो फुटेज में कैद हुए, जो भी अहम सुराग बने।
आरोपित ने बताया कि रैकी करने वाला रमेश घटना के दिन साथ नहीं था। कुछ गहनों को सुनार मोहित को घर बुलवाकर गलवाकर ईंट बनवाई और कुछ को चपटा कर घर के सामने बगीचे में गड्ढा खोदकर गाढ़ दिया था।