छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का महाअभियान मंगलवार से शुरू हो गया है। इसके लिए प्रदेश भर में में 2305 धान खरीदी केंद्र बनाए गए हैं। जबकि इस वर्ष 257 नए केंद्रों की भी शुरुआत की गई है। समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी 1 दिसंबर से 31 जनवरी 2021 तक और मक्का की खरीदी 1 दिसंबर से 31 मई 2021 तक करने के निर्देश दिए गए हैं।
धान बेचने के लिए सुबह से ही किसानों की लाइन खरीदी केंद्रों पर लगी हुई है। इससे पहले सुबह रायपुर में धरसींवा के ग्राम कुम्हारी में खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने बांट और तराजू की पूजा अर्चना कर धान खरीदी का शुभारंभ किया। इस दौरान धान बेचने के लिए पहुंचे किसानों के माथे पर उन्होंने तिलक लगाया और स्वागत किया। साथ ही वहां खाद्य गोदाम निर्माण के लिए भूमिपूजन भी किया गया।
इस वर्ष 2.49 लाख ज्यादा किसानों ने कराया रजिस्ट्रेशन
खरीफ बिक्री वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए कुल 21 लाख 29 हजार 764 किसानों ने पंजीयन कराया है। पिछले वर्ष की तुलना में 2.49 लाख ज्यादा किसान इसमें शामिल हैं। इन किसानों का बोये गए धान का रकबा 27 लाख 59 हजार 385 हेक्टेयर से अधिक है। दो सालों में इसमें 19.36 लाख हेक्टेयर से 22.68 लाख हेक्टेयर की बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में 3.32 लाख हेक्टेयर रकबा बढ़ा है।
धान बेचने वाले किसानों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा
साल 2018-19 में 15.71 लाख किसानों से 80.38 लाख मीट्रिक टन और साल 2019-20 में 18.38 लाख किसानों से 83.94 लाख मीट्रिक टन धान की बिक्री की थी। राज्य में दो सालों में पंजीकृत किसानों की तुलना में धान बेचने वाले किसानों में बढ़ोतरी हुई है। साल 2017-18 में 76.47 फीसदी किसानों ने धान बेचा था। वहीं 2018-19 में यह आंकड़ा 92.61 प्रतिशत और 2019-20 में 94.02 प्रतिशत पर पहुंचा था।
निगरानी के लिए बनाए गए कंट्रोल रूम, 61 दिनों तक 24 घंटे काम करेंगे
धान खरीदी की सीधे राजधानी से होगी। इसके लिए खाद्य और कृषि विभाग दोनों ने अपने-अपने मुख्यालयों में कंट्रोल रूम बनाए हैं। ये अगले 61 दिनों तक 24 घंटे काम करेंगे। यहां से धान की तस्करी समेत अन्य सभी गड़बड़ियों के साथ किसानों की समस्याओं पर निगाह रखी जाएगी। इस बार सरकार ने 90 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा है। किसानों को 5 बार टोकन दिए जाएंगे।